DHANBAD NEWS : जमीन पर पसीना बहाने के साथ सोशल मीडिया पर भी जोर लगा रहे प्रत्याशी
हर घंटे औसतन एक पोस्ट कर रहे हैं प्रत्याशी, सबसे अधिक फेसबुक पर किया जा रहा प्रचार
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झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक का आ रही है. वैसे-वैसे ही जमीन के साथ वर्चुअल वर्ल्ड (सोशल मीडिया) में भी प्रचार अभियान जोर पकड़ता जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर प्रत्याशी सबसे अधिक प्रचार कर रह हैं. इसके साथ ही वाट्सएप पर अपना ग्रुप बना कर प्रचार किया जा रहा है. इन प्लेटफॉर्म पर वोट देने की अपील के साथ ही चुनावी वादे भी सोशल मीडिया के माध्यम से किये जा रहे हैं. प्रत्याशी जहां जमीन जनसंपर्क कर खूब पसीना बहा रहे हैं, वहीं उनके समर्थक सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. औसतन हर घंटे में प्रत्याशियों के जनसंपर्क का एक पोस्ट इन प्लेटफॉर्म पर आ रहा है. इसमें राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी भी पीछे नहीं है.
90 प्रतिशत मतदाताओं का है फेसबुक अकाउंट :
डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ डॉ विद्यानंद बताते हैं कि झारखंड जैसे राज्य में फेसबुक, यू-ट्यूब और वाट्सअप सबसे अधिक प्रचलित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. इनकी पहुंच यहां के 90 प्रतिशत जनता तक है. यहीं वजह है कि चुनाव के दौरान प्रत्याशी और राजनीतिक दल इन प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक प्रचार कर करते हैं. डॉ विद्यानंद के अनुसार प्रचार का माध्यम सस्ता भी है और इसकी पहुंच अब हर व्यक्ति तक भी है.जनसंपर्क की लाइव स्ट्रीमिंग :
राजनीतिक दलों के अधिकतर प्रत्याशियों का फेसबुक पर अलग से पेज बन गया है. इन पर औसतन हर दिन 10 से 12 पोस्ट आ रहे हैं. इनमें से अधिकतर पोस्ट लाइव हैं. प्रत्याशी हर दिन 10 से 12 क्षेत्रों में जनसंपर्क के लिए पहुंच रहे हैं. वह जिस क्षेत्र में रहते हैं, वहीं से उनके पेज पर उनके समर्थक लाइव स्ट्रीमिंग करते हैं. यह लाइव स्ट्रीमिंग प्रत्याशियों के पेज साथ ही उनके करीबी समर्थकों को टैग का किया जा रहा है.समर्थकों ने अपने डीपी में लगायी अपने प्रत्याशियों की तस्वीर :
प्रत्याशियों के समर्थकों के साथ राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के फेसबुक व वाट्सएप्प से प्रोफाइल पिक्चर भी बदल गयी है. चुनाव से पहले समर्थक जहां अपना या अपने परिवार का फोटो को अपने डीपी में लगा रहे थे, अब वह अपने डीपी में अपने चहेते प्रत्याशी की तस्वीर लगा रहे हैं.राजनीतिक दलों का सेंट्रलाइज प्रचार :
बड़े राजनीतिक दलों की ओर से सोशल मीडिया पर सेंट्रलाइज प्रचार किया जा रहा है. इसके लिए फेसबुक पेज के साथ ही यू-ट्यूब प्लेटफॉर्म का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तरह के प्रचार वाले वीडियो में किसी प्रत्याशी के समर्थन में नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के मुख्य चुनावी एजेंडा व वादा को प्रचारित किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है