अक्षय तृतीया पर बाबा मंदिर में खूब हुए अनुष्ठान, 70 हजार से अधिक भक्तों ने चढ़ाया जल

अक्षय तृतीय के अवसर पर बाबा मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ रही. शुभ दिन होने के कारण सुबह से ही लोग मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान कराते दिखे. मुंडन व उपनयन आदि संस्कार कराने आये भक्तों का तांता लगा रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2024 12:12 AM

देवघर : अक्षय तृतीय के अवसर पर बाबा मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ रही. शुभ दिन होने के कारण सुबह से ही लोग मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान कराते दिखे. मुंडन व उपनयन आदि संस्कार कराने आये भक्तों का पट बंद होने तक तांता लगा रहा. अत्यधिक भीड़ होने के कारण मंदिर का पट शाम सवा सात बजे बंद हुआ. शुक्रवार को बाबा मंदिर में सुबह से लेकर शाम तक एक जैसी भीड़ लगी रही. सामान्य कतार से लेकर खास कतार यानी कूपन वाले रास्ते में लंबी कतार लगी रही. आम कतार जहां क्यू कॉम्प्लेक्स तक पहुंच गयी थी, वहीं शीघ्र दर्शनम की कतार होल्डिंग प्वाइंट भरने के बाद बाहर मंदिर परिसर तक पहुंच गयी. पट बंद होने तक कुल 4942 भक्तों ने कूपन लेकर जलार्पण किया, तो पट बंद होने तक करीब 70 हजार भक्तों ने जलार्पण किये. दूसरी ओर मुंडन तथा उपनयन मिलाकर करीब एक हजार भक्तों ने अनुष्ठान कराये. दिन भर मंदिर परिसर स्थित हरेक मंदिर के बरामदे से लेकर पाठक धर्मशाला के शेड में मुंडन व उपनयन संस्कार संपन्न कराते देखा गया. दर्जनों जगहों पर शरबत का वितरण अक्षय तृतीया के अवसर पर फल, पानी व शरबत वितरण का खास महत्व माना गया है. मान्यता है कि इस दिन इन चीजों का वितरण करने से अक्षय पुण्य की कामना फलीभूत होती है. इस अवसर पर बाबा मंदिर सहित शिवगंगा तट, श्रीराम आश्रम, बमबाबा कुटिया, हंसकूप आश्रम सहित दर्जनों जगहों पर राहगीरों के बीच शरबत का वितरण किया गया. मंदिर में बड़ी संख्या में लोगों ने किया घट जल दान वैशाख मास की संक्रांति यानी बिशुआ और अक्षय तृतीया का खास महत्व माना गया है. बिशुआ के दिन किसी कारणवश जो पितृहीन लोगों ने घट जल दान नहीं किया, उन लोगों ने शुक्रवार को इस दिन दान किया. मंदिर प्रशासनिक भवन के अलावा अलग-अलग मंदिरों में लोगों को मिट्टी के घड़े में जल भर कर वस्त्र, तार का पंखा आदि के साथ विधिवत मंत्रोच्चारण कर दान किया गया. मान्यता है वैशाख मास में इस दान से पूर्वजों को साल भर तक प्यास नहीं लगती और उनके आत्मा को तृप्ति मिलती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version