देवघर : महिला का सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक फोटो वायरल, परिजनों ने घर से निकाला
महिला के नाम से फेसबुक अकाउंट बनाकर फोटो वायरल हुआ. इसकी जानकारी उसके परिजनों को हो गयी तो उसे घर से निकाल दिया गया. उसके बाद पीड़िता आरोपित युवक के खिलाफ शिकायत देने साइबर थाने पहुंची. पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस मामले के जांच में जुटी है.
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देवघर नगर थाना क्षेत्र निवासी एक महिला की आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किये जाने का मामला सामने आया है. पीड़ित महिला ने साइबर थाना में शिकायत देकर एक व्यक्ति पर आपत्तिजनक अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल करने की शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है. पीड़िता ने कहा है कि नगर थाना क्षेत्र के एक युवक ने अपने झांसे में लेकर प्रेम जाल में फंसा लिया. उसके बाद कई अश्लील फोटो मोबाइल में कैद कर लिये. अब उसी फोटो को महिला के नाम से फेसबुक अकाउंट बनाकर वह वायरल कर रहा है. इसकी जानकारी उसके परिजनों को हो गयी तो उसे घर से निकाल दिया गया. उसके बाद पीड़िता आरोपित युवक के खिलाफ शिकायत देने साइबर थाने पहुंची. पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस मामले के जांच में जुटी है.
साइबर ठगी के तीन आरोपित गिरफ्तार
देवघर साइबर थाने की पुलिस ने मोहनपुर थाना क्षेत्र के तुलसीवरन व पाथरौल थाना क्षेत्र के कुशमाहा गांव में गुप्त सूचना पर छापेमारी अभियान चलाया. उक्त दोनों जगहों से साइबर थाने की छापेमारी टीम ने पांच मोबाइल सहित 10 फर्जी सिमकार्ड के साथ तीन साइबर आरोपितों को गिरफ्तार किया. पुलिस मीडिया सेल के प्रभारी सीसीआर डीएसपी आलोक रंजन ने बताया कि गिरफ्तार साइबर आरोपितों में मोहनपुर के तुलसीवरन निवासी रमेश यादव, बगडुबा निवासी राजेश कुमार यादव व पाथरौल थाना क्षेत्र के गौनेया पोखरियातरी गांव निवासी बालकुन दास शामिल हैं. इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इनलोगों के पास से बरामद मोबाइल व सिमकार्ड की जांच में पूरे भारत वर्ष के सात क्राइम लिंक मिले हैं. आरोपितों ने पुलिस को बताया कि विभिन्न सरकारी, गैरसरकारी कंपनियों की वेबसाइट के लूप होल चिह्नित कर लाभुकों को झांसे में लेकर ये सभी ठगी करते हैं. फर्जी पदाधिकारी बनकर महिला बाल विकास पोषण योजना के लाभुकों का डेटा प्राप्त कर फर्जी लिंक के जरिये ग्राहकों से ठगी करते हैं. वहीं फोन-पे, पे-टीएम के फर्जी कस्टमर अधिकारी बनकर ग्राहकों को कैशबैक का झांसा देते हैं और गिफ्ट कार्ड क्रिएट कराकर उनलोगों से ठगी करते हैं.
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