चकोड़ का बीज बना गरीबों की आय का स्त्रोत

प्रखंड के जंगलों में जड़ी-बूटी की भरमार है, जिसे बेचकर गरीब तबके के लोग अपना जीवन यापन करते हैं. इन दिनों चकोड़ का बीज गरीबों की आय का मुख्य स्रोत बन गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2024 7:46 PM
an image

कुंदा. प्रखंड के जंगलों में जड़ी-बूटी की भरमार है, जिसे बेचकर गरीब तबके के लोग अपना जीवन यापन करते हैं. इन दिनों चकोड़ का बीज गरीबों की आय का मुख्य स्रोत बन गया है. गांव क्षेत्र के आसपास जंगल से हर रोज ग्रामीण चकोड़ के पौधा को काटकर उसके फल को निकाल कर उसे धूप में सूखा रहे हैं. इसके बाद उसे बाजार में बेचते हैं. जगन्नाथपुर गांव के सुनीता देवी ने बताया कि जंगल से चकोड़ के फल को तोड़ कर लाते हैं, फिर उसे धूप में सुखाकर फल निकलते हैं. वह बाजार में 25 से 30 रुपए प्रति किलो की दर से बिक जाता है. दिन भर में 300 से 400 का चकोड़ का फल बेच लेते हैं. इस कार्य में घर के छोटे बच्चे भी हाथ बंटाते हैं. कमोड बैगा ने कहा कि चकोड़ के फल से नकद कमाई व जीविकोपार्जन का स्रोत बना है. कम मेहनत में अच्छी आमदनी हो रही है. इस कार्य में 15 दिन से लगे हैं. खरीदार खुद गांव जाकर चकोड़ खरीद रहे हैं. कई खरीदार चकोड़ तोड़ने के लिए एडवांस पैसा भी देते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version