Chaibasa News : ‘दिल के आस पास’ फिल्म से चर्चा में आये चाईबासा के नवाब आरजू

गीत, पटकथा व संवाद लेखन से बॉलीवुड में बनायी पहचान

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 11:31 PM

चाईबासा.झारखंड की धरती से जुड़े गीतकार, पटकथा व संवाद लेखक नवाब आरजू इन दिनों जवाहर लाल बाफना की नवीनतम फिल्म ‘दिल के आस पास’ को लेकर बॉलीवुड में चर्चा के विषय बने हुए हैं. जवाहर लाल बाफना की भाभी, हम सब चोर हैं, खून का सिंदूर, दादागिरी और आग ही आग जैसी सुपर हिट फिल्मों से नवाब आरजू का जुड़ाव रहा है. झारखंड के चाईबासा में पले-बढ़े नवाब आरजू को बचपन से लिखने-पढ़ने का शौक रहा है. कॉलेज के दिनों में पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित होने लगीं. मुशायरों से अपनी पहचान कायम करने में कामयाब रहे.

मिल चुके हैं कई अवाॅर्ड

वर्ष 2013 में हिंदी उर्दू साहित्य अवाॅर्ड कमेटी उत्तर प्रदेश ने लखनऊ में ””””उर्दू अदब”””” अवार्ड से नवाजा. वर्ष 2014 में नारायणी साहित्य अकादमी ने सम्मानित किया. फिल्म लेखन के लिये उन्हें कई अवाॅर्ड मिले मसलन ””””इंडियन टेली अवाॅर्ड और इंडियन टेलीविजन अकादमी अवाॅर्ड वगैरह. फिलहाल नवाब आरजू फिल्मों और टेलीविजन की दुनिया में मशरूफ हैं.

महेश भट्ट की फिल्म ‘साथी’ से मिला ब्रेक

स्थानीय स्तर पर मिली वाह वाही से प्रभावित होकर नवाब आरजू ने फिल्म जगत में तकदीर आजमाने का निर्णय लिया. वर्ष 1982 में नवाब आरजू ने बंबई (वर्तमान मुंबई) का रुख किया. वहां उनका कोई अपना नहीं था. न संघर्ष के दौर में कोई गॉड फादर मिला. एक लम्बे संघर्ष के बाद उनके शब्दों को सराहा गया. 90 के दशक में फिल्मकार महेश भट्ट की फिल्म ””””साथी”””” के गीत ‘हुई आंख नम और ये दिल मुस्कुराया तो साथी कोई भुला याद आया…. के हिट होने के बाद नवाब आरजू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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