बोकारो में असरदार रहा झारखंड बंद, लोगों ने टायर जलाकर जाम की सड़क, मार्केट, स्कूल बंद
बोकारो के ललपनिया में झारखंड बंद असरदार रहा. आदिवासी मूलवासी अधिकार मंच के लोगों ने टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया. मार्केट, स्कूल सब बंद रहे. मंच के अध्यक्ष ने कहा- झारखंड के आदिवासी नेताओं के खिलाफ अपदस्थ और शोषण करने की कार्रवाई होती रही है, चाहे वो हेमंत सोरेन हों या बाबूलाल मरांडी.
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ललपनिया (बोकारो), राम दुलार पांडा : हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद आदिवासी संगठनों में आक्रोश है. गिरफ्तारी के विरोध में एक फरवरी को ‘समस्त आदिवासी मूलवासी संगठन’ ने झारखंड बंद का एलान किया. गुरुवार सुबह राज्य के कई जिलों समेत बोकारो में भी बंद का असर रहा. कुछ जिले ऐसे भी रहे जहां बंद बेअसर रहा. बोकारो के ललपनिया स्थित अघनू मांझी चौक के पास गुरुवार की अहले सुबह आदिवासी मूलवासी अधिकार मंच बोकारो जिला इकाई ने टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया. वहीं, ललपनिया के मार्केट, स्कूल पूरी तरह बंद है. सड़क जाम से ललपनिया-गोमिया और ललपनिया-नयामोड़ मुख्य पथ में आवागमन बाधित हुआ. इस बीच प्रदर्शकारियों ने ईडी और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
चेतावनी देकर खोला जामहालांकि, करीब 10 बजे तक हेमंत सोरेन को जल्द रिहा करने की मांग के साथ मंच ने सड़क जाम हटा लिया. साथ ही यह चेतावनी दी कि अगर हेमंत सोरेन को जल्द रिहा नहीं किया गया और ईडी व केंद्र सरकार ने लोकतंत्र और संविधान के साथ मजाक करना बंद नहीं किया, तो पूरे झारखंड में व्यापक आंदोलन की आग लगेगी. भले ही सड़क से जाम हटा लिया गया हो, लेकिन ललपनिया के मार्केट अभी भी पूरी तरह बंद हैं.
मंच के जिला इकाई अध्यक्ष दिनेश कुमार मुर्मू ने कहा कि आदिवासी होने के कारण झारखंड के आदिवासी नेताओं के खिलाफ अपदस्थ और शोषण करने की कार्रवाई होती रही है, चाहे वो हेमंत सोरेन हों या बाबूलाल मरांडी. झारखंड का आदिवासी समाज अब इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. उन सारी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी जो आदिवासियों को परेशान और प्रताड़ित करने पर तुले हैं. केंद्र सरकार और ईडी यह सब खेल बंद नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में व्यापक आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने बंद को सफल बनाने के लिए जुटे सभी लोगों के प्रति धन्यवाद भी जताया. यहां गोमिया सर्किल इंस्पेक्टर महेश प्रसाद सिंह, ललपनिया ओपी प्रभारी सुबोध कुमार दास जवानों के साथ विधि व्यवस्था के मद्देनजर उपस्थित थे.
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