झारखंड को जल्द मिलेंगे दो एयरपोर्ट, दुमका और बोकारो से उड़ेगा विमान
दुमका और बोकारो से भी इसी साल उड़ान शुरू हो जाएगी. इसके लिए दो कंपनी एलाइंस एयर और फ्लाईवीक को अनुमति भी दे दी गई है. यह जानकारी एएआई रांची के निदेशक केएल अग्रवाल ने दिया है.
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दुमका और बोकारो एयरपोर्ट से इसी साल उड़ान शुरू हो जायेगी. इसके लिए दो कंपनी एलाइंस एयर और फ्लाईवीक को अनुमति दी गयी है. बोकारो एयरपोर्ट निर्माण का 99.99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यह जानकारी बुधवार को एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया रांची यानी एएआई रांची के निदेशक केएल अग्रवाल ने दी.
निदेशक अग्रवाल ने बताया कि बीएसएल को डीजीसीए के लाइसेंस के लिए आवेदन आदि की प्रक्रिया पूरी करनी है. वहीं राज्य सरकार को एंबुलेंस सुरक्षा सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करानी है. उड़ान भरने के लिए डीजीसीए से लाइसेंस प्राप्त करना सबसे आवश्यक है. दरअसल, एएआई-रांची की टीम ने बुधवार को बोकारो एयरपोर्ट का निरीक्षण किया. इसके बाद बोकारो इस्पात संयंत्र के संबंधित पदाधिकारियों के साथ एयरपोर्ट परिसर में बैठक की. इधर, डीसी ऑफिस में अग्रवाल ने बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी से मुलाकात की.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देश पर हो रहा है काम
निदेशक अग्रवाल ने बताया कि बोकारो के साथ-साथ 2023 में ही दुमका से भी उड़ान शुरू हो जायेगी. इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) प्रयासरत है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से भी इस संबंध में निर्देश प्राप्त हुआ है. देश में अन्य जगहों के साथ बोकारो और दुमका में परिचालन शुरू करना है. अग्रवाल ने बताया कि 16 जून को एएआई-कोलकाता रीजनल कार्यालय की टीम बोकारो एयरपोर्ट का दौरा करेगी. सुरक्षा सहित अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट देगी. हाल के दिनों मे बोकारो एयरपोर्ट को लेकर प्रशासनिक व विभागीय चहल-पहल बढ़ी है. 12 जून को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम ने उड़ान के संबंध में बैठक की थी.
हर माह होगी मॉनिटरिंग मीटिंग
बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान में आने वाली अड़चन को दूर करने के लिए व चल रहे काम की सतत मॉनिटरिंग के लिए हर माह बैठक होगी. बैठक बोकारो डीसी की अगुवाई में होगी. बोकारो एयरपोर्ट से विमान सेवा शुरू करने को लेकर बोकारो इस्पात प्रबंधन के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का एमओयू जनवरी माह में दोबारा हुआ था. इसके बाद से ही लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, लेकिन पेड़ों की कटाई का काम पूरा नहीं होने के कारण प्रक्रिया धीमी हो गयी थी.