विश्व तंबाकू निषेध दिवस : बिहार में हर साल सिगरेट, बीड़ी और गुटखे से निकल रहा 5844 टन प्लास्टिक कचरा

तंबाकू उत्पाद का कचरा पर्यावरण पर बड़ा बोझ बन रहा उभरा है. जोधपुर, एम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में हर साल सिगरेट से 35.92 टन, बीड़ी से 316.64 टन, धुंआरहित तंबाकू से 5492.07 टन सहित कुल 5844.63 टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2022 6:59 AM
an image

पटना. राजधानी पटना में तंबाकू उत्पाद का कचरा पर्यावरण पर बड़ा बोझ बन रहा उभरा है. जोधपुर, एम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में हर साल सिगरेट से 35.92 टन, बीड़ी से 316.64 टन, धुंआरहित तंबाकू से 5492.07 टन सहित कुल 5844.63 टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर एलायंस फॉर टोबैको फ्री बिहार (एएफटीबी) ने यह चौंकाने वाला राज्य स्तरीय तथ्य पत्र (फैक्टशीट) जारी किया है.

देश के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह अध्ययन

सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि एम्स जोधपुर ने दी यूनियन के तकनीकी सहयोग से देश के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह अध्ययन किया. अध्ययन में 70 सिगरेट ब्रांड, 94 बीड़ी ब्रांड और 58 चबाने वाला तंबाकू ब्रांड शामिल हैं.

बिहार में तंबाकू प्रयोग करने वाले 25.9%

तंबाकू उत्पादों की पैकेजिंग में मौजूद प्लास्टिक, कागज, पन्नी और फिल्टर सामग्री का वजन लिया गया और उसे वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण 2016-17 के डाटा से सह-संबद्ध किया गया है. डब्लूएचओ के पूर्व वरीय सलाहकार डॉ धीरेंद्र नारायण सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का सबसे अधिक दुष्प्रभाव स्कूली बच्चों एवं युवाओं पर पड़ रहा है. बिहार में तंबाकू प्रयोग करने वाले 25.9% हैं. इसके अलावा धुंआरहित तंबाकू यानी पान मसाला, जर्दा, खैनी का प्रयोग करने वाले 23.5%, बीड़ी पीने वाले 4.2% व सिगरेट पीने वाले 0.9% हैं.

इन लोगों ने रखे विचार

आज इस मौके पर हुए कार्यक्रम को कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ वीपी सिंह, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ आसिफ रजा, डाॅ अमरकांत सिंह, पूर्व संयुक्त श्रम आयुक्त बीएन पटनायक, योगेंद्र कुमार गौतम, सपन मजूमदार सहित कई लोगों ने संबोधित किया.

Exit mobile version