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Bihar news : बिहार का पूर्वी चंपारण जिला इन दिनों एचआइवी पॉजिटिव (Hiv Aids) के मामले में हाई रिस्क जोन बनता जा रहा है. लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या ने सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं. मोतिहारी सहित आधा दर्जन प्रखंडों के गांवों में पीड़ितों की संख्या अच्छी-खासी है. सबसे आश्चर्य जनक पहलू तो यह है कि इन रोगियों में 14 वर्ष से नीचे के लड़के-लड़कियां भी शामिल हैं.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने तो पूर्वी चंपारण जिला में पॉजिटिव मरीजों की संख्या पांच हजार के करीब हो गयी है. वर्ष 2016 में एचआइवी मरीजों की संख्या-1724 थी. जानकार बताते हैं कि संक्रमितों में 60 प्रतिशत पुरुष, 25 प्रतिशत महिलएं व 15 प्रतिशत युवा शामिल हैं. 22 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं. भारत नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में पॉजिटिव की संख्या में लगातार वृद्ध हो रही है. बाहर आये मजदूर भी संक्रमण को लेकर आ रहे हैं. इस वर्ष 57 हजार लोगों ने करायी जांच
इस वर्ष-57 हजार लोगों ने एचइवी की जांच करायी है. 17 हजार पुरुष व 40 हजार महिलाओं का एचइवी टेस्ट किया गया. हाॅलांकि कोविड-19 के कारण जांच की संख्या में कमी आयी है. गर्भवती महिलाओं ने भी सदर अस्पातल पहुंच आरटी सेंटर पहुंच परामर्श लिया. इस कार्य में सिविल सर्जन के अलावा नोडल पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार, आईसीटीसी कांउसलर डॉ मिथिलेश कुमार व जिला पर्यवेक्षक डॉ मोहन सिंह लगातर सक्रिय रहे और अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करते रहे.
एक नंबर पर है ढाका- पूर्वी चंपारण जिला में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र ढाका है, जहां करीब 120 पुरुष, 70 महिला, 8 लड़के, 3 लड़कियां व 2 ट्रांसजेंडर एचआइवी रोग से ग्रस्त हैं.
Posted by : Avinish kumar mishra