नयी रसोईया के चयन में गड़बड़झाला : 18 वर्ष से कार्यरत रसोईया को हटाकर पेंशनधारी वृद्ध महिला का किया गया चयन

बिना किसी ठोस कारण के पूर्व से कार्यरत रसोईया रूकमिणी देवी को हटाने का आरोप है

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2024 8:36 PM

छातापुर. प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय हसनपुर नया में एचएम द्वारा रसोईया के चयन में बड़ा गड़बड़झाला करने का मामला सामने आया है. बिना किसी ठोस कारण के पूर्व से कार्यरत रसोईया रूकमिणी देवी को हटाने का आरोप है. वहीं उसकी जगह वैसी महिला का चयन कर लिया गया, जो विधिक रूप से रसोईया का कार्य करने की अर्हता नहीं रखती है. नव चयनित रसोईया सुलोचना देवी बुजुर्ग हैं और सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ ले रही है. गौर करने की बात यह है कि चयन उपरांत अनुमोदन के लिए एचएम रेखा देवी द्वारा डीपीएम पीएम पोषण योजना को जो पत्र भेजा गया है, उस पत्र में उम्र की गलत जानकारी दी गई है. पत्र में सुलोचना देवी का उम्र एक जनवरी 1989 बताया गया है. जबकि वह पेंशनधारी है और 2024 के मतदाता सूची में उसका उम्र 64 वर्ष अंकित है. अब डीपीएम द्वारा अनुमोदन दे देने के बाद मामला और उलझता नजर आ रहा है. रसोईया पद से हटाई गई रूकमिणी देवी ने इसकी लिखित शिकायत बीईओ से लेकर डीएम तक की है. शिक्षा विभाग के अधिकारी पदाधिकारी को भी आवेदन दिया है और रसोईया पद पर पुनः बहाल करने की गुहार लगाई है. बताया है कि वह बीते 18 वर्ष से रसोईया के रूप में सेवा दे रही है. एचएम रेखा देवी अपने घर पर उसके पति से बिना मजदूरी के घरेलू कामकाज कराते थे. पति के बीमार पड़ जाने के कारण काम पर नहीं जाने से खार खाये एचएम ने उन्हें बिना किसी कारण के कार्य से हटा दिया. वह बेहद गरीब है और पति के बीमार पड़ जाने से भरण पोषण की सारी जिम्मेवारी उन्हीं के कंधे पर है. उधर महम्मदगंज वार्ड संख्या एक के वार्ड सदस्य सह वीएसएस के अध्यक्ष रूपा देवी ने बीइओ को आवेदन दिया है. जिसमें एचएम पर वीएसएस की बैठक किये बिना पूर्व से कार्यरत रसोईया को हटा देने तथा नये रसोईया का चयन करने का आरोप लगाया है. एचएम द्वारा बैठक की कागजी खानापूरी कर अभिभावकों के घर-घर जाकर हस्ताक्षर करा लिया जाता है. अध्यक्षा ने मनमाने तरीके से हो रहे विद्यालय संचालन की जांच कर समुचित कार्रवाई की मांग की है.

कहते हैं डीपीएम

पीएम पोषण योजना के डीपीएम महताब रहमानी ने इस संदर्भ में बताया कि एचएम के प्रतिवेदन के आधार पर उन्होंने अनुमोदन दिया है. चयन में यदि प्रावधान की अनदेखी की गई है तो तीन दिनों के अंदर इसकी जांच की जाएगी. जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई होगी.

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