अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर
शिवहर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में दो महिला उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला है. दोनों ही राज्य में दो क्षेत्रीय शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं. अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि वाली हैं. जहां सत्तारूढ़ एनडीए में सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) ने दो बार की विधायक रह चुकी लवली आनंद को मैदान में उतारा है, वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने रितु जायसवाल को टिकट दिया है.  इस सीट पर चुनाव वैश्यों के आसपास केंद्रित होता जा रहा है.  यहां 12 उम्मीदवार हैं. 25 जून को मतदान होना है.

लवली आनंद और रितु जायसवाल में सीधी टक्कर की संभावना

2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवहर सीट पर बीजेपी का कब्जा था. इस बार, एनडीए में सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत यह सीट जद (यू) के कोटे में आ गयी.  उधर, इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल राजद ने चर्चित नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद के खिलाफ एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की पत्नी और जाति से वैश्य , बेदाग छवि की रितु जायसवाल को मैदान में उतारा है. इससे शिवहर का मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है.

रितु जयसवाल मुखिया बनकर बनायी अपनी अलग पहचान

रितु जयसवाल ने 2016 में सीतामढ़ी के सिंगवाहिनी के मुखिया (ग्राम प्रधान) के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. 2018 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा “चैंपियंस ऑफ चेंज” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 2020 में परिहार से राजद के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गयीं.  अनुमानित रूप से इस लोकसभा सीट पर 25 फीसदी वैश्य, ईबीसी मतदाता 30%, दलित 20%, मुस्लिम 18% और उच्च जातियां 17% हैं.

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सधी चाल चल रहीं रितु, लवली ‘आनंद’ के सहारे कर रही मेहनत

जीत के लिए एनडीए- इंडिया गठबंधन की चुनावी रणनीति पर बात करें, तो रितु जायसवाल एनडीए को हराने के लिए भाजपा के पारंपरिक मतदाता को अपने पाले में लाने में जुटी हैं. वह लवली आनंद को एकबाहरी उम्मीदवार के रूप में प्रचारित कर एनडीए के सामने समस्या पैदा कर रही हैं. वोटरों को बता रही हैं कि लवली आनंद जीत भी जायेंगी, तो भी शिवहर में ‘ सांसदी ‘ आनंद मोहन करेंगे.  वहीं, 2009 में सपा और 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर शिवहर से चुनाव लड़ चुकी लवली आनंद मोदी फैक्टर के बल पर चुनाव जीतने और विकास कराने का दावा कर रही हैं. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव जा रही हैं. यह सुनिश्चित कर रही हैं कि सभी जातियों और समुदायों से वोट मांगें. प्रचार अभियान के दौरान, जब भी कोई ग्रामीण कोई समस्या लेकर आनंद मोहन के पास आता है, तो वे खुद अधिकारियों को फोन करते हैं.

एनडीए की जीत के लिए आरएसएस भी सक्रिय

भाजपा से वैश्य वोटरों की नाराजगी और लवली आनंद विरोधी फैक्टर पर मोदी लहर को हावी करने के लिए आरएसएस ने सक्रियता दिखायी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक लोकसभा की पंचायतों में 10000 से अधिक बैठकें की गयी हैं. प्रत्येक पंचायत पर एक टीम गठित है. वोटर को बताया जा रहा है कि उम्मीदवार को नहीं देखना, बल्कि पीएम को देखना. राम मंदिर, धारा 370, कोविड टीकाकरण, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आदि के जरिये उम्मीदवार की छवि को बेहतर किया जा रहा है.

यह है इतिहास

लोकसभा सीट शिवहर के वोटरों ने पहली बार वोट डाले थे, उस समय यह सीट मुजफ्फरपुर नॉर्थ वेस्ट कही जाती थी. पांच साल बाद इस सीट को पुपरी नाम मिला. 2019 में शिवहर से भाजपा की रमा देवी लगातार तीसरी बार संसद पहुंची थीं. सियासी इतिहास की बात करें, तो प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और भारत में सहकारी आंदोलन के जनक के रूप में जाने जाने वाले ठाकुर जुगल किशोर सिन्हा इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. रामदुलारी सिन्हा और हरिकिशोर सिंह शिवहर से संसद पहुंचे. बाद में राज्यपाल तक बने.रामदुलारी सिन्हा के बेटे डॉ मधुरेन्द्र कुमार सिंह भी 1989 में कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं. 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद यहां कांग्रेस का दबदबा खत्म होता रहा. 1989 में जनता दल के हरिकिशोर सिंह जीते. साल 1996 में समता पार्टी से लड़े आनंद मोहन सिंह ने उनकी जगह ली. अगला चुनाव भी वह जीते. 1999 और 2004 में राजद जीतता रहा. 2009 से भाजपा के पास यह सीट थी. 2024 में भाजपा ने इस सीट को छोड़ दिया. एनडीए के घटक दल जदयू के पास चली गयी.

हर चुनाव में दिखा  ‘ आनंद ‘ फैक्टर,  बहुत कुछ कहती है ये सक्रियता  

2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम चार जून को आ जायेगा. बीते परिणामों की बात करें, तो ‘ आनंद ‘ फैक्टर सक्रिय रहा है. पूर्व सांसद आनंद मोहन का असर को ऐसे समझिए. आनंद मोहन दो बार यहां से  सांसद चुने गये हैं. 1996 में समता पार्टी से आनंद मोहन पहली बार संसद पहुंचे. उन्हें कुल 334994 वोट मिले. जनता दल प्रत्याशी रामचंद्र पूर्वे कुल 294357 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. 1998 में पार्टी बदली और अखिल भारतीय  राष्ट्रीय जनता पार्टी से लड़े. समता पार्टी के उम्मीदवार हरि किशोर सिंह को 93144 वोटों से हरा दिया. 1999 में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार मोहम्मद अनवारुल हक ने आनंद मोहन को 2535 वोटरों हराया था. बिहार पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार आनंद मोहन कुल 344744 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.  इसके बाद उनकी पत्नी लवली आनंद 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ी थीं.  46008 वोट मिले थे. यह कुल वोट का 3.1% फीसद था. इससे पूर्व 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार थीं.  इस चुनाव में लवली आनंद को 81479 यानी 6.42% वोट मिले थे. आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर से विधायक हैं.  वह मां लवली आनंद के साथ  बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही राजद में शामिल हुए थे.  

लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के चार, राजद पर 2 दो विधायक

शिवहर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मधुबन, चिरैया, ढाका, रीगा, बेलसंड और शिवहर कुल छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं.  चार सीट पर भाजपा और दो पर राजद के विधायक हैं. मधुबन से राणा रणधीर, चिरैया से लाल बाबू प्रसाद गुप्ता, ढाका से पवन कुमार जायसवाल तथा रीगा से मोतीलाल प्रसाद भाजपा के विधायक हैं.  शिवहर से चेतन आनन्द तथा बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से  संजय कुमार गुप्ता राजद विधायक हैं. चेतन आनंद अब एनडीए को समर्थन कर रहे हैं. रीगा व बेलसंड सीतामढ़ी जिला तथा मधुबन, चिरैया व ढाका विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले का हिस्सा है.

शिव और हरि की संगम भूमि

यह शिव और हरि की संगम भूमि है. इसी आधार पर 443 वर्ग किमी में फैले, करीब सात लाख आबादी वाले इस जिले को शिवहर नाम दिया गया. देकुली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध अति प्राचीन बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर है. रामायण – महाभारत से क्रांतिकारियों की भूमि रही है. 1942 में तरियानी छपरा के आजादी के दीवाने अंग्रेजों से भिड़ गये थे. स्मारक पर अंकित उनके नाम आज भी अंकित हैं.  यहां का कमरौली गांव यूपीएससी क्रैकर्स के गांव के नाम से पहचान बना चुका है. बिहार के मुख्य सचिव रहे दीपक कुमार (वर्तमान में सीएम के सलाहकार) का ताल्लुक इसी गांव से है. औसत साक्षरता दर 53.78 फीसद है. 

लोकसभा चुनाव 2019 में वोटिंग पैटर्न

कुल वोटर @ 1684794
सर्विस वोट ‍@ 1421
ईवीएम में पड़े वोट @ 993870
पोस्टल वोट ‍@3672
नोटा @ 7017
कुल मतदान @ 1004927
मतदान का प्रतिशत  @ 59.6 %
विजेता को मिले वोट @ 60.57 %
(स्रोत : भारत निर्वाचन आयोग )

कब कौन किस दल से पहुंचा संसद

  • लोकसभा चुनाव वर्ष @ सांसद @ पार्टी
  • 1977 @ठाकुर गिरजानंदन सिंह @ जनता पार्टी
  • 1980 @राम दुलारी सिन्हा भारतीय @ राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1984 @राम दुलारी सिन्हा भारतीय @ राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1989 @ हरि किशोर सिंह @ इंडियन पीपुल्स फ्रंट
  • 1991 @ हरि किशोर सिंह @ जनता दल
  • 1996@ आनंद मोहन सिंह  @ जनता दल
  • 1998 @ आनंद मोहन सिंह @ राष्ट्रीय जनता दल
  • 1999 मोहम्मद अनवारुल हक  @ राष्ट्रीय जनता दल
  • 2004 सीताराम सिंह   @ राष्ट्रीय जनता दल
  • 2009@रमा देवी @ भारतीय जनता पार्टी
  • 2014 @रमा देवी @ भारतीय जनता पार्टी
  • 2019 @रमा देवी @ भारतीय जनता पार्टी

2019 भारतीय आम चुनाव

  • पार्टी ‍@ उम्मीदवार @ वोट @ % @   ±%
  • भाजपा @ रमा देवी@  608,678@  60.59 @ +16.40
  • राजद @ सैयद फैसल अली @ 2,68,318 @ 26.71@  -1.32
  • आईएनडी.@ केदार नाथ प्रसाद @ 18,426 @ 1.83@  +1.83
  • आईएनडी. @ राज कुमार प्रसाद @ 13,704 @ 1.36 @ +1.36
  • एनसीपी @ शाह आलम@  13,269 @ 1.32 @ +1.32
  • बसपा @ मुकेश कुमार झा@  12,470 @ 1.24 @ -1.90
  • नोटा  @  7,017 @ 0.70 @ -0.68
  • जीत का अंतर@ 3,40,360 @33.88@ +17.72
  • मतदान @10,04,927 @59.60@ +2.87

चुनाव परिणाम : 2014

  • पार्टी ‍@ उम्मीदवार @ वोट @ % @   ±%
  • बीजेपी @ रमा देवी 3,72,506 @ 44.19 @ +3.39
  • राजद @ मोहम्मद अनवारुल हक @ 2,36,267 @ 28.03 +12.38
  • जद(यू) @ शाहिद अली खान @ 79,108 @ 9.39 @ +9.39
  • एसपी @ लवली आनंद @ 46,008 @ 5.46 @ +5.46
  • बीएसपी @ अंगेश कुमार@  26,446 @ 3.14 @ -15.70
  • झामुमो @ लक्ष्मण पासवान @ 18,681@  2.22 @ +2.22
  • आईएनडी शिवनंदन प्रसाद 12,161 @ 1.44 @ +1.44
  • नोट उपरोक्त में से कोई नहीं 11,670 @ 1.38 @ +1.38
  • जीत का अंतर @ 1,36,239 @ 16.16 @ -5.80
  • मतदान@  8,42,926 @ 56.73 @ +11.64

मतदाता : एक नजर

  • कुल वोटर : 1832745
  • पुरुष : 977869
  • महिला : 864813
  • थर्ड जेंडर : 63
  • शहरी मतदाता: 6.8%
  • ग्रामीण मतदाता: 93.2%
  • साक्षरता दर: 53.52%