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भीषण गर्मी की चपेट में आने लगे आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे

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चेनारी. ममरेजपुर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाली बालिका प्रियंका व रानी, बालक छोटू व दिव्यांशु को लू लग गया. वे आंगनबाड़ी से पढ़कर घर पहुंचे, तो बुखार से तपने लगे. इन चारों के अलावा इधर एक सप्ताह में कई बच्चे बीमार पड़ गये हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति लगातार कम हो रही है. आलम यह है कि ममरेजपुर आंगनबाड़ी में वर्तमान में 40 बच्चों की जगह किसी दिन 15, तो किसी दिन 20 बच्चों की उपस्थिति हो पा रही है. बच्चे बीमार हो भी क्यों नहीं? इस समय क्षेत्र में हीट वेव चल रही है. बिहार के रोहतास सहित आठ जिलों में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. युवाओं को हीट वेव घर से निकलने नहीं दे रही है, तो इन छोटे-छोटे बच्चों की बिसात ही कितनी है. बड़ी बात यह कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में सुबह 8:00 बजे से 10:00 तक मिशन दक्ष के तहत पढ़ाने का समय निर्धारित किया है. वहीं आइसीडीएस आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई का समय 7.30 बजे से 11.30 बजे तक निर्धारित किया है. गर्मी और लू के कारण आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे बीमार हो रहे हैं. इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.

अभिभावकों ने जतायी चिंता

आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक सरकार के इस नियम से चिंतित हैं. अभिभावक तिलेश्वरी देवी, रजनी कुमारी आदि ने कहा कि सरकारी स्कूलों में काफी पहले ही गर्मी की छुट्टी हो गयी है. दिन-ब-दिन गर्मी बढ़ती जा रही है. पर, आंगनबाड़ी में बच्चों की पढ़ाई हो रही है. बच्चे लू से बीमार हो रहे हैं. इसके लिए जिम्मेदार किसे ठहराया जाये. अपनी गरीबी या फिर सरकारी नियम बनाने वाले को. हम गरीब हैं, तभी तो हमारे बच्चे आंगनबाड़ी में पढ़ते हैं. हम मजबूर हैं, लेकिन इतना भी नहीं कि अपने बच्चों के जीवन से खिलवाड़ होने दें. हम अपने बच्चों को पूरी गर्मी अब केंद्र में नहीं भेजेंगे. चाहे जो हो जाये. सरकार और प्रशासन को सोचना चाहिए. इस गर्मी में सबसे पहले छोटे बच्चों की पढ़ाई बंद करनी चाहिए.

क्या कहती हैं पर्यवेक्षिका

इस संबंध में पर्यवेक्षिका प्रियंका कुमारी ने कहा कि यह सही है कि तापमान अधिक है. कई जगहों से सूचना प्राप्त हो रही है कि बच्चों की संख्या गर्मी को देखते हुए कम हुई है. लेकिन, आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार बच्चों को दिया जा रहा है. इसका मैनेज कैसे होगा? इस विषय पर वरीय पदाधिकारी कोई निर्देश जारी करेंगे, तो उसका पालन कराया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

चेनारी. ममरेजपुर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाली बालिका प्रियंका व रानी, बालक छोटू व दिव्यांशु को लू लग गया. वे आंगनबाड़ी से पढ़कर घर पहुंचे, तो बुखार से तपने लगे. इन चारों के अलावा इधर एक सप्ताह में कई बच्चे बीमार पड़ गये हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति लगातार कम हो रही है. आलम यह है कि ममरेजपुर आंगनबाड़ी में वर्तमान में 40 बच्चों की जगह किसी दिन 15, तो किसी दिन 20 बच्चों की उपस्थिति हो पा रही है. बच्चे बीमार हो भी क्यों नहीं? इस समय क्षेत्र में हीट वेव चल रही है. बिहार के रोहतास सहित आठ जिलों में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. युवाओं को हीट वेव घर से निकलने नहीं दे रही है, तो इन छोटे-छोटे बच्चों की बिसात ही कितनी है. बड़ी बात यह कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में सुबह 8:00 बजे से 10:00 तक मिशन दक्ष के तहत पढ़ाने का समय निर्धारित किया है. वहीं आइसीडीएस आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई का समय 7.30 बजे से 11.30 बजे तक निर्धारित किया है. गर्मी और लू के कारण आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे बीमार हो रहे हैं. इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.

अभिभावकों ने जतायी चिंता

आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक सरकार के इस नियम से चिंतित हैं. अभिभावक तिलेश्वरी देवी, रजनी कुमारी आदि ने कहा कि सरकारी स्कूलों में काफी पहले ही गर्मी की छुट्टी हो गयी है. दिन-ब-दिन गर्मी बढ़ती जा रही है. पर, आंगनबाड़ी में बच्चों की पढ़ाई हो रही है. बच्चे लू से बीमार हो रहे हैं. इसके लिए जिम्मेदार किसे ठहराया जाये. अपनी गरीबी या फिर सरकारी नियम बनाने वाले को. हम गरीब हैं, तभी तो हमारे बच्चे आंगनबाड़ी में पढ़ते हैं. हम मजबूर हैं, लेकिन इतना भी नहीं कि अपने बच्चों के जीवन से खिलवाड़ होने दें. हम अपने बच्चों को पूरी गर्मी अब केंद्र में नहीं भेजेंगे. चाहे जो हो जाये. सरकार और प्रशासन को सोचना चाहिए. इस गर्मी में सबसे पहले छोटे बच्चों की पढ़ाई बंद करनी चाहिए.

क्या कहती हैं पर्यवेक्षिका

इस संबंध में पर्यवेक्षिका प्रियंका कुमारी ने कहा कि यह सही है कि तापमान अधिक है. कई जगहों से सूचना प्राप्त हो रही है कि बच्चों की संख्या गर्मी को देखते हुए कम हुई है. लेकिन, आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार बच्चों को दिया जा रहा है. इसका मैनेज कैसे होगा? इस विषय पर वरीय पदाधिकारी कोई निर्देश जारी करेंगे, तो उसका पालन कराया जायेगा.

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