Chhapra News : सदर अस्पताल के ओपीडी में फर्स्ट शिफ्ट की तुलना में सेकेंड शिफ्ट में महज 20% ही मरीज

Chhapra News : सदर अस्पताल में विगत डेढ़ वर्षो से पहले शिफ्ट के साथ ही दूसरे शिफ्ट में भी ओपीडी में इलाज की सुविधा उपलब्ध है. पहला शिफ्ट दोपहर दो बजे तक चलता है. जबकि दूसरा शिफ्ट दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक चल रहा है. हालांकि पहले शिफ्ट की तुलना में दूसरे शिफ्ट में काफी कम मरीज पहुंच रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 20, 2024 9:36 PM
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छपरा. सदर अस्पताल में विगत डेढ़ वर्षो से पहले शिफ्ट के साथ ही दूसरे शिफ्ट में भी ओपीडी में इलाज की सुविधा उपलब्ध है. पहला शिफ्ट दोपहर दो बजे तक चलता है. जबकि दूसरा शिफ्ट दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक चल रहा है. हालांकि पहले शिफ्ट की तुलना में दूसरे शिफ्ट में काफी कम मरीज पहुंच रहे हैं.

पहले शिफ्ट में जहां प्रतिदिन औसतन 600 मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है. वहीं दूसरे शिफ्ट में महज 100 से 120 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है. भीड़ वाले दिनों में पहले शिफ्ट में सात से आठ सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. जबकि भीड़ वाले दिनों में दूसरे शिफ्ट में अधिक से अधिक डेढ़ सौ मरीजों का रजिस्ट्रेशन ही होता है. पहले शिफ्ट की तुलना में सिर्फ 20 फीसदी मरीज ही दूसरे शिफ्ट में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. कई मरीजों का कहना है कि दूसरे शिफ्ट में कई चिकित्सक विभाग से अनुपस्थित रहते हैं. वहीं पहले शिफ्ट में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद काफी लंबा समय चिकित्सक से दिखाने में लग जाता है. जिस कारण भी दोपहर बाद आये मरीज पहले शिफ्ट की भीड़ को देखकर ही सेकंड शिफ्ट में इलाज के लिए इंतजार नहीं कर पाते.

शाम में वाहनों की कमी के कारण भी सेकेंड शिफ्ट में मरीज कम

सदर अस्पताल में इलाज के लिए प्रतिदिन शहर से आठ से 10 किलोमीटर तक की दूरी के मरीज पहुंचते हैं. वहीं इमरजेंसी केस में सुदूर ग्रामीण इलाकों से भी मरीज यहां आते हैं. अधिकतर मरीज पहले शिफ्ट में ही आने की कोशिश करते हैं. क्योंकि सेकंड शिफ्ट में शाम तीन से पांच बजे के बीच इलाज कराने के बाद ग्रामीण इलाकों तक जाने के लिए शहर से सवारी गाड़ी नहीं मिल पाती. शहर के बस स्टैंड से छपरा के ग्रामीण इलाकों तक जाने के लिए शाम पांच बजे के बाद गाड़ियों की कमी है. कोपा, दाउदपुर, जलालपुर, बनियापुर, भेल्दी, परसा आदि जगह तक जाने के लिए शाम चार बजे के बाद सवारी गाड़ी उपलब्ध नहीं है. वहीं सेकेंड शिफ्ट में शहरी क्षेत्र के मरीज भी कम ही आते हैं.

अभी सर्दी, बुखार व कोल डायरिया के मरीज अधिक

शुक्रवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में पहले शिफ्ट में 464 मरीज का रजिस्ट्रेशन हुआ. जबकि दूसरे शिफ्ट में 70 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ. अधिकतर मरीज सर्दी, बुखार, खांसी व अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित होकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. चाइल्ड वार्ड में कोल डायरिया से पीड़ित हुए बच्चों की संख्या बढ़ी है. नवजात बच्चों में निमोनिया व ब्रोंकाइटिस की समस्या भी आ रही है. मौसम में तेजी से आ रहे हैं बदलाव का असर बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. शुगर, बीपी, हार्ट आदि की समस्या से ग्रसित होकर बुजुर्ग भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल को अलर्ट मोड में रखा गया है. ओपीडी व इमरजेंसी दोनों ही में चिकित्सकों की उपस्थिति की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है. सदर अस्पताल के प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि 300 से भी अधिक प्रकार की दवाएं मौजूद हैं. वहीं सभी चिकित्सकों को निर्धारित समय पर ड्यूटी पर मौजूद रहने का निर्देश दिया.

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