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Chapra News : नगर निगम की करोड़ों की योजनाओं पर लगा है ग्रहण, शहर के लोग परेशान

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छपरा. नगर निगम क्षेत्र के 45 वार्डों के 450 जर्जर और कच्ची सड़कों व नाले का निर्माण कार्य कार्यपालक अभियंता के नहीं रहने की वजह से अटका हुआ है. जानकारी हो कि पूर्व के कार्यपालक अभियंता का ट्रांसफर दूसरे जिले में कर दिया गया है. हालांकि अब नगर विकास विभाग में कार्यपालक अभियंता को भेजा गया है. उनकी पोस्टिंग हुए चार दिन हो गये, लेकिन उन्होंने योगदान तक नहीं दिया है. इसके अलावा बता दें कि जिस कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग यहां हुई है वो पहले से ही तीन जिलों के नगर निकाय के प्रभार में है.

गौरतलब हो कि योजनाओं पर क्रियान्वयन को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया गया था, केवल टेंडर की प्रक्रिया पूरी होनी थी. जब तक नये कार्यपालक अभियंता नहीं आ जाते यह मामला अटका रहेगा. लगभग तीन सालों से परेशान शहर के तीन लाख से अधिक आबादी को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. यह सभी सड़कें नली गली योजना के तहत स्वीकृत हुई थी. ऐसे में छपरा नगर निगम की करोड़ों की विकास योजनाओं पर ग्रहण लगा हुआ है. पेंडिंग पड़े योजनाओं में जलजमाव वाले कई सड़क भी शामिल है. इसके अलावा ड्रेनेज और कई सौंदर्यकरण की योजनाएं शामिल है.

प्रथम चरण में 150 सड़के बननी थी

बोर्ड के बैठक में निर्णय के बाद हर वार्ड से 7 से 15 योजनाएं ली गई थी. इस तरह लगभग 45 वार्डो से 450 योजनाएं ली गई थी. लेकिन प्रथम चरण में डेढ़ सौ योजनाओं पर ही काम होनी थी. हर वार्ड को 30 लाख रुपए की योजना पर काम करने की अनुमति दी गई थी. कुल मिलाकर लगभग 15 करोड़ की योजना पर काम किया जाना था. इसके बाद दूसरे चरण के तहत राशि की डिमांड की जाती और शेष बचे हुए सभी सड़कों का निर्माण हो जाता.

सभी सड़कों की हो गयी थी मापी, अब टेंडर में जाना था

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि वार्डो से योजनाओं के आने के बाद उनकी नापी हो गई थी. नापी के बाद एस्टीमेट बनाकर टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जानी थी और उसके बाद काम शुरू हो जाता. सब कुछ करने में 2025 का मार्च तक का समय लगना था. लेकिन अब यह टाइमिंग और बढ़ेगी जब तक की नए कार्यपालक अभियंता योगदान नहीं कर लेते. बता दें कि इस बात को लेकर भी चर्चा होने लगी है चार-चार जिलों के प्रभार वाले कार्यपालक अभियंता क्या छपरा नगर निगम के साथ इंसाफ कर पाएंगे?

पोस्टिंग हो चुकी है जल्द ही योगदान करेंगे

कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग हो चुकी है जल्द ही योगदान करेंगे. वे पहले से ही सिवान गोपालगंज और मोतिहारी के प्रभार में है. अब छपरा का भी प्रभार मिल गया है. उनके योगदान करने के साथ तकनीकी स्वीकृति मिल जाएगी. फिर काम शुरू हो जाएगा.

सुनील कुमार पांडे, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

छपरा. नगर निगम क्षेत्र के 45 वार्डों के 450 जर्जर और कच्ची सड़कों व नाले का निर्माण कार्य कार्यपालक अभियंता के नहीं रहने की वजह से अटका हुआ है. जानकारी हो कि पूर्व के कार्यपालक अभियंता का ट्रांसफर दूसरे जिले में कर दिया गया है. हालांकि अब नगर विकास विभाग में कार्यपालक अभियंता को भेजा गया है. उनकी पोस्टिंग हुए चार दिन हो गये, लेकिन उन्होंने योगदान तक नहीं दिया है. इसके अलावा बता दें कि जिस कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग यहां हुई है वो पहले से ही तीन जिलों के नगर निकाय के प्रभार में है.

गौरतलब हो कि योजनाओं पर क्रियान्वयन को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया गया था, केवल टेंडर की प्रक्रिया पूरी होनी थी. जब तक नये कार्यपालक अभियंता नहीं आ जाते यह मामला अटका रहेगा. लगभग तीन सालों से परेशान शहर के तीन लाख से अधिक आबादी को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. यह सभी सड़कें नली गली योजना के तहत स्वीकृत हुई थी. ऐसे में छपरा नगर निगम की करोड़ों की विकास योजनाओं पर ग्रहण लगा हुआ है. पेंडिंग पड़े योजनाओं में जलजमाव वाले कई सड़क भी शामिल है. इसके अलावा ड्रेनेज और कई सौंदर्यकरण की योजनाएं शामिल है.

प्रथम चरण में 150 सड़के बननी थी

बोर्ड के बैठक में निर्णय के बाद हर वार्ड से 7 से 15 योजनाएं ली गई थी. इस तरह लगभग 45 वार्डो से 450 योजनाएं ली गई थी. लेकिन प्रथम चरण में डेढ़ सौ योजनाओं पर ही काम होनी थी. हर वार्ड को 30 लाख रुपए की योजना पर काम करने की अनुमति दी गई थी. कुल मिलाकर लगभग 15 करोड़ की योजना पर काम किया जाना था. इसके बाद दूसरे चरण के तहत राशि की डिमांड की जाती और शेष बचे हुए सभी सड़कों का निर्माण हो जाता.

सभी सड़कों की हो गयी थी मापी, अब टेंडर में जाना था

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि वार्डो से योजनाओं के आने के बाद उनकी नापी हो गई थी. नापी के बाद एस्टीमेट बनाकर टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जानी थी और उसके बाद काम शुरू हो जाता. सब कुछ करने में 2025 का मार्च तक का समय लगना था. लेकिन अब यह टाइमिंग और बढ़ेगी जब तक की नए कार्यपालक अभियंता योगदान नहीं कर लेते. बता दें कि इस बात को लेकर भी चर्चा होने लगी है चार-चार जिलों के प्रभार वाले कार्यपालक अभियंता क्या छपरा नगर निगम के साथ इंसाफ कर पाएंगे?

पोस्टिंग हो चुकी है जल्द ही योगदान करेंगे

कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग हो चुकी है जल्द ही योगदान करेंगे. वे पहले से ही सिवान गोपालगंज और मोतिहारी के प्रभार में है. अब छपरा का भी प्रभार मिल गया है. उनके योगदान करने के साथ तकनीकी स्वीकृति मिल जाएगी. फिर काम शुरू हो जाएगा.

सुनील कुमार पांडे, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम

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