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Chhapra News : अपडेट नहीं हुई सेंट्रल लाइब्रेरी पुरानी किताबें ही पढ़ रहे छात्र

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छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में वर्ष 2022 के अंतर्गत शोध पाठ्यक्रम में नामांकित छात्रों के कोर्स वर्क की परीक्षा पूरी हो चुकी है. वहीं कोर्स वर्क उत्तीर्ण करने वाले 341 शोध छात्रों को गाइड भी अलॉट कर दिया गया है. जिनके निर्देशन में अब विधिवत रूप से छात्र-छात्राएं रिसर्च का कार्य शुरू करेंगे. शोध पाठ्यक्रम में 20 फीसदी तक बदलाव किया गया है. ऐसे में छात्रों को थीसिस तैयार करने तथा अपना रिसर्च पूरा करने के दौरान कई जरूरी पुस्तक व रिसर्च जनरल की आवश्यकता पड़ती है. इसके बावजूद सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों को सिलेबस के अनुरूप किताबें नहीं मिल रही हैं. शोध छात्रों को भी आउटडेटेड पुस्तक व रिसर्च मैटेरियल के सहारे ही शोध कार्य पूरा करना पड़ रहा है. अप्रैल 2023 में ही सेंट्रल लाइब्रेरी को पूर्ण रूप से डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में तैयार कर लेना था. लेकिन अभी तक यहां व्यवस्थाएं अपडेट नहीं हो सकी हैं. सिलेबस के अनुरूप पुस्तकों का अभाव तथा नये कंटेंट वाले पुस्तकों के नहीं होने से छात्रों का रुझान कम हुआ. सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक लाइब्रेरी आवर है. लेकिन पुस्तकों की कमी से इस अवधि में प्रतिदिन 10 से भी कम छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए पहुंच रहे हैं. सेंट्रल लाइब्रेरी में 10 हजार जनरल्स मौजूद हैं. 20 हजार से अधिक पुस्तकें भी उपलब्ध है, लेकिन सिलेबस बदल जाने के कारण करीब 10 हजार किताबें आउटडेटेड हो चुकी हैं. शोध छात्रों के लिए नये रिसर्च जनरल नहीं मंगाये रहे हैं.

सेंट्रल लाइब्रेरी में इंफ्रास्ट्रक्चर को करना था दुरुस्त

विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी तथा कॉलेजों की लाइब्रेरी में इ-लर्निंग की व्यवस्थाओं को बेहतर किये जाने के उद्देश्य से नया इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की योजना बनायी गयी थी. इसी साल अप्रैल तक इसे लागू करना था. जिसमें स्टडी मैटेरियल के लिये ऑनलाइन जनरल्स, कम्प्यूटर, इ-बुक्स के अलावा डिटिजल टीचिंग की सुविधायें उपलब्ध करानी थी. साइंस ब्लॉक स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों को डिजिटल एजुकेशन के तहत ज्ञानवर्धक किताबों के साथ विदेशों की महत्वपूर्ण किताबों को उपलब्ध कराना था. यूजीसी के निर्देश पर लाईब्रेरी को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन आरएफआइ से लैस करना था. लेकिन अबतक इस दिशा में कोई कार्य नहीं हो सका. कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई ने जल्द ही सेंट्रल लाइब्रेरी को अपडेट करने की बात कही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में वर्ष 2022 के अंतर्गत शोध पाठ्यक्रम में नामांकित छात्रों के कोर्स वर्क की परीक्षा पूरी हो चुकी है. वहीं कोर्स वर्क उत्तीर्ण करने वाले 341 शोध छात्रों को गाइड भी अलॉट कर दिया गया है. जिनके निर्देशन में अब विधिवत रूप से छात्र-छात्राएं रिसर्च का कार्य शुरू करेंगे. शोध पाठ्यक्रम में 20 फीसदी तक बदलाव किया गया है. ऐसे में छात्रों को थीसिस तैयार करने तथा अपना रिसर्च पूरा करने के दौरान कई जरूरी पुस्तक व रिसर्च जनरल की आवश्यकता पड़ती है. इसके बावजूद सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों को सिलेबस के अनुरूप किताबें नहीं मिल रही हैं. शोध छात्रों को भी आउटडेटेड पुस्तक व रिसर्च मैटेरियल के सहारे ही शोध कार्य पूरा करना पड़ रहा है. अप्रैल 2023 में ही सेंट्रल लाइब्रेरी को पूर्ण रूप से डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में तैयार कर लेना था. लेकिन अभी तक यहां व्यवस्थाएं अपडेट नहीं हो सकी हैं. सिलेबस के अनुरूप पुस्तकों का अभाव तथा नये कंटेंट वाले पुस्तकों के नहीं होने से छात्रों का रुझान कम हुआ. सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक लाइब्रेरी आवर है. लेकिन पुस्तकों की कमी से इस अवधि में प्रतिदिन 10 से भी कम छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए पहुंच रहे हैं. सेंट्रल लाइब्रेरी में 10 हजार जनरल्स मौजूद हैं. 20 हजार से अधिक पुस्तकें भी उपलब्ध है, लेकिन सिलेबस बदल जाने के कारण करीब 10 हजार किताबें आउटडेटेड हो चुकी हैं. शोध छात्रों के लिए नये रिसर्च जनरल नहीं मंगाये रहे हैं.

सेंट्रल लाइब्रेरी में इंफ्रास्ट्रक्चर को करना था दुरुस्त

विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी तथा कॉलेजों की लाइब्रेरी में इ-लर्निंग की व्यवस्थाओं को बेहतर किये जाने के उद्देश्य से नया इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की योजना बनायी गयी थी. इसी साल अप्रैल तक इसे लागू करना था. जिसमें स्टडी मैटेरियल के लिये ऑनलाइन जनरल्स, कम्प्यूटर, इ-बुक्स के अलावा डिटिजल टीचिंग की सुविधायें उपलब्ध करानी थी. साइंस ब्लॉक स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों को डिजिटल एजुकेशन के तहत ज्ञानवर्धक किताबों के साथ विदेशों की महत्वपूर्ण किताबों को उपलब्ध कराना था. यूजीसी के निर्देश पर लाईब्रेरी को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन आरएफआइ से लैस करना था. लेकिन अबतक इस दिशा में कोई कार्य नहीं हो सका. कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई ने जल्द ही सेंट्रल लाइब्रेरी को अपडेट करने की बात कही है.

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