पीएम श्री स्कूल के रूप में अपग्रेड होंगे दो स्कूल
समस्तीपुर : भारत सरकार ने देश के भविष्य यानी स्कूली बच्चों की बुनियाद को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने की दिशा में एक बेहतर कदम उठाया है.
समस्तीपुर : भारत सरकार ने देश के भविष्य यानी स्कूली बच्चों की बुनियाद को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने की दिशा में एक बेहतर कदम उठाया है. सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एक बड़ा बदलाव किया है. जिसके तहत देशभर में लगभग 14 हजार 500 स्कूलों को पीएम श्री योजना यानी (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) के तहत अपग्रेड किया जायेगा. जिले के नगर निकायों के दो-दो सरकारी स्कूलों को पीएम श्री स्कूल के रूप में अपग्रेड किया जायेगा. अपग्रेड होने वाले स्कूलों में 1 प्राथमिक अथवा मध्य और 1 माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल होगा. इसके लिए स्कूलों को पीएम श्री पोर्टल पर 15 मई तक आवेदन करना होगा. भारत सरकार के साथ एमओयू साइन होने के बाद बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूलों का चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर अनुश्रवण समिति का गठन कर दिया गया है. जिलास्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. डीईओ को सदस्य सचिव बनाया गया है. नोडल पदाधिकारी के रूप में डीपीओ एसएसए को नामित किया गया है. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि पीएम श्री विद्यालयों का चयन अंकों के आधार पर किया जाएगा. विद्यालयों में उपलब्ध सुविधा व संसाधनों के लिए अंक तय किये गये हैं. उत्कृष्ट सुविधाओं एवं छात्र नामांकन संख्या को यू-डायस प्लस में उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर मूल्यांकित करते हुए विद्यालयों का चयन किया जाना है. मूल्यांकन के बाद सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में प्रस्तावित किया जायेगा. चयन का निर्धारण प्रत्येक मानक व बैंचमार्क के लिए निर्धारित अंक के आधार पर होगा. इसमें एक प्राथमिक या मध्य एवं एक माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालय होंगे. विद्यालय के चयन में यह ध्यान रखा जाएगा कि वह भौतिक रूप से आदर्श स्थिति में हों और निर्माण के लिए पर्याप्त जगह हो. पीएम श्री विद्यालय में आधुनिक कम्प्यूटर लैब,साइंस लैब, गणित लैब व समृद्ध लाइब्रेरी का निर्माण किया जायेगा. पहले चरण में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन स्कूलों का चयन किया गया था. जिले के केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों को पीएम श्री योजना के तहत विकसित किया जा रहा है. स्कूलों के चयन के लिये 60 मानक निर्धारित किये गये हैं. इसमें पक्की इमारत, पेयजल सुविधा, लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, खेल का मैदान, दिव्यांग बच्चों के लिये सुविधाएं आदि शामिल हैं. स्कीम का लाभ पाने के लिए स्कूलों को खुद से ही ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. योजना के पहले दो वर्षों के लिए पोर्टल को वर्ष में चार बार खोला जायेगा. आवेदन के बाद स्कूलों का सत्यापन राज्य/केंद्र शासित प्रदेश/केवीएस/जेएनवी द्वारा किया जाएगा. इसके बाद चयन किये गये स्कूलों की लिस्ट को मंत्रालय को भेजा जायेगा. पीएम श्री विद्यालयों के तहत उच्च गुणवत्ता की शिक्षा को समानता व न्याय संगत और आनंदमय वातावरण में प्रदान की जा सकेगी. बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार ””””चाइल्ड पैडागॉजी (बाल शिक्षाशास्त्र) आधारित पाठ्यक्रम से शिक्षण कार्य संचालित किया जायेगा. विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा व बेहतर शैक्षणिक परिवेश के साथ-साथ अपने क्षेत्र के अन्य विद्यालयों के लिए भी आदर्श विद्यालय के रूप में परिभाषित होंगे. इन स्कूलों को हरित ऊर्जा से परिपूर्ण विद्यालयों के रूप में विकसित किया जायेगा. जहां रेनवाटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा, ठोस व द्रव्य अपशिष्ट, जैविक खेती, प्लास्टिक मुक्त व अन्य अवधारणाओं को विकसित किया जायेगा. आधुनिक सुविधाओं यथा, आधुनिक कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब, गणित लैब, सुस्ज्जित पुस्तकालय से लैस होगा. प्रत्येक विद्यार्थी को कक्षा के अनुरूप दक्षता के लिए ””””लर्निंग आउटकम (सीखने की क्षमता) पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. बच्चों को कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जायेगा. ताकि, बच्चों के क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रोजगारपरक संभावना भी तैयारी की जा सके.