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Saharsa news : रेल कम्युनिकेशन को सुगम व बेहतर करने के लिए कोसी, दरभंगा और सीमांचल में नये सिरे से एक साथ चार बाइपास लाइन के निर्माण की योजना बनायी गयी थी. इनमें सहरसा में दो बाइपास लाइन का निर्माण होना था. इधर, दरभंगा बाइपास लाइन और ललित ग्राम बाइपास लाइन तो तैयार हो गया, लेकिन सहरसा में दो बाइपास लाइन की योजना फंस गयी है. इनमें सहरसा से कारू खिरहर और सोनबरसा कचहरी से सहरसा वाशिंग पिट होकर बैजनाथपुर लाइन को जोड़ने के लिए बाइपास लाइन का निर्माण होना था. पर, यह दोनों बाइपास लाइन निर्माण कार्य की योजना फंस कर रह गयी है.
वर्ष 2017 में तैयार हुआ था प्रस्ताव
वर्ष 2017 में ही सहरसा से कारू खिरहर हॉल्ट तक बाइपास लाइन निर्माण कार्य का प्रस्ताव तैयार किया गया था. इसके लिए करीब दो करोड़ का फंड भी आवंटित किया गया था. रेल कंस्ट्रक्शन निर्माण विभाग को इसका निर्माण करवाना था. बता दें कि सहरसा, फारबिसगंज, लौकहा, निर्मली, झंझारपुर अमान परिवर्तन के लिए 1400 करोड़ की राशि आवंटित की गयी थी. इसी फंड से करीब दो करोड़ की राशि से बाइपास लाइन का निर्माण कार्य होना था. इसके लिए सर्वे का भी काम पूरा हो चुका था. वृहत पैमाने पर सहरसा के गंगजला के अलावा पंचवटी चौक तक के बीच अतिक्रमण हटाया गया था. आगे अतिक्रमित मकान को हटाने के लिए एक निश्चित समय सीमा भी निर्धारित की गयी थी. इसी रूट से होकर सहरसा-कारू खिरहर तक बाइपास लाइन का निर्माण होना था.
2023 में बनी थी योजना
वर्ष 2023 में ही चार बाइपास लाइन के निर्माण की योजना नये सिरे से डिवीजन स्तर पर एक साथ तैयार की गयी थी. चारों बाइपास लाइन के निर्माण की राशि के लिए स्टीमेट भी तैयार किया गया था और निर्माण की समय सीमा भी निर्धारित की गयी थी. समस्तीपुर मंडल में दरभंगा बाइपास नयी रेल लाइन के काकरघाटी से शीशो स्टेशनों के बीच नवनिर्मित रेल लाइन पर नवरात्र के दिन से माल ट्रेनों की शुरुआत कर परिचालन शुरू कर दिया गया है. प्रारंभिक चरण में इस लाइन पर केवल मालगाड़ियों का परिचालन होगा. दरभंगा बाइपास लाइन तैयार होने से अब रक्सौल, जयनगर, सीतामढ़ी, नरकटियागंज जाने के लिए दरभंगा होकर ट्रेन नहीं गुजरेगी. अब सरायगढ़ से निर्मली, झंझारपुर से सीधी बाइपास लाइन होते हुए ट्रेन जयनगर, नरकटियागंज, सीतामढ़ी के लिए निकल जायेगी. इस बाइपास लाइन के पूरा होने से अब कोसी से मिथिलांचल की दूरी काफी घट जायेगी.
क्या मिलेगी सुविधा
वर्तमान में अगर सहरसा-फारबिसगंज से सरायगढ़, निर्मली, झंझारपुर होकर ट्रेन जयनगर, रक्सौल, नरकटियागंज जाती है, तो दरभंगा स्टेशन ट्रेन पहुंचती है और इंजन रिवर्स होता है. अब इस नयी बाइपास लाइन से ट्रेनें सीधे निकलेंगी. हालांकि अभी इस रूट से जयनगर व नरकटियागंज जाने के लिए सहरसा से कोई ट्रेन नहीं दी गयी है.
ललित ग्राम बाइपास लाइन तैयार, नवंबर में होगा सीआरएस
इधर ललित ग्राम बाइपास लाइन भी तैयार हो गयी है. इसकी लंबाई करीब 1500 मीटर है और अनुमानित खर्च करीब 30 करोड़ रुपये है. इस योजना में बाइपास लाइन निर्माण कार्य के अलावा सिगनलिंग व्यवस्था सहित कई और योजनाएं शामिल हैं. ललित ग्राम बाइपास लाइन नवंबर महीने में चालू होने की उम्मीद है. यह लाइन लगभग तैयार है. जल्द ही इसके सीआरएस की घोषणा होगी. ललित ग्राम बाइपास लाइन निर्माण से सहरसा और निर्मली-झंझारपुर के रास्ते आनेवाली लंबी दूरी की ट्रेनें सीधे जोगबनी, फारबिसगंज के अलावा पूर्वोत्तर राज्य के लिए निकल जाएंगी. इससे इंजन रिवर्स का सिस्टम खत्म होगा और 25 मिनट का समय बचेगा. डेमो की जगह मेमो ट्रेन का परिचालन होगा.
रेलवे फाटक संख्या-31 पर जाम की समस्या होगी कम
समस्तीपुर, खगड़िया से आनेवाली जानकी एक्सप्रेस, जनहित एक्सप्रेस, जनसेवा एक्सप्रेस, कोसी एक्सप्रेस के अलावा कई मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें सहरसा जंक्शन से कारू खिरहर बाइपास लाइन होकर सीधा बैजनाथपुर निकल जायेंगी. इंजन रिवर्स का झंझट खत्म होगा. वर्ष 2023 में समस्तीपुर डिवीजन स्तर पर सोनबरसा कचहरी से सहरसा वाशिंग पिट होकर बैजनाथपुर-मधेपुरा लाइन में जोड़ने के लिए नया बाइपास लाइन प्रस्ताव तैयार किया गया था. इसकी लागत करीब तीन से चार करोड़ रुपये आनी थी, पर किसी कारणवश यह महत्वाकांक्षी योजना पेंडिंग में फंस गयी. इन बाइपास लाइन के निर्माण होने से पूर्वोत्तर राज्य के लिए जानेवाली माल ट्रेनें सीधे निकल जायेंगी. सहरसा जंक्शन पर माल ट्रेन नहीं आयेगी. बंगाली बाजार रेलवे फाटक संख्या 31 पर इंजन रिवर्स के कारण जो जाम लगता है, वह नहीं होगा.
अब रेलवे की क्या है नयी प्लानिंग
सहरसा वाशिंग पिट के रास्ते बैजनाथपुर को जोड़नेवाले बाइपास लाइन निर्माण कार्य में अब बदलाव किया गया है. इसके तहत अब सोनबरसा कचहरी से वॉशिंग पिट होकर 17 किलोमीटर लंबी नयी बाइपास लाइन निर्माण की योजना है. कुछ महीने पहले ही इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन अभी तक इसका सर्वे भी नहीं हुआ है.