नीतीश कुमार दिसंबर में निकलेंगे अपनी 15वीं यात्रा पर, महिला संवाद यात्रा पर खर्च होंगे 225 करोड़
Nitish Yatra: महिला संवाद यात्रा बतौर सीएम नीतीश कुमार की 15वीं यात्रा होगी, जिसके जरिए वो राज्य के कोने-कोने में महिलाओं से मुखातिब होंगे, उनकी सुनेंगे और माहौल समझेंगे.
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Nitish Yatra: पटना. बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद महिला संवाद यात्रा पर निकलेंगे. महिला संवाद यात्रा बतौर सीएम नीतीश कुमार की 15वीं यात्रा होगी, जिसके जरिए वो राज्य के कोने-कोने में महिलाओं से मुखातिब होंगे, उनकी सुनेंगे और माहौल समझेंगे. कैबिनेट ने नीतीश की महिला संवाद यात्रा पर 225 करोड़ रुपए के खर्च के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सीएम की यात्रा ग्रामीण विकास विभाग आयोजित करेगी. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस संबंध में बताया है कि अभी यात्रा की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन संभावना है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र (25 से 29 नवंबर) के बाद मुख्यमंत्री दिसंबर में यात्रा पर निकलेंगे.
आधी आबादी के पास 48 प्रतिशत वोट
बिहार में 48 फीसदी वोटर महिलाएं हैं. राजनीति की भाषा में समझें तो महिलाएं नीतीश का वोट बैंक हैं. इसलिए विधानसभा चुनाव 2025 से पहले नीतीश महिलाओं का मन टटोलने के लिए बिहार की यात्रा करने जा रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का भी मानना रहा है कि नीतीश कुमार महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. विपरीत चुनावी माहौल में भी वो महिलाओं का खासा वोट हासिल कर पाते हैं. इसके पीछे नीतीश कुमार की शराबबंदी लागू करने से लेकर स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने जैसी नीतियां महत्वपूर्ण हैं. बिहार में महिलाओं को चुनाव से नौकरी तक आरक्षण मिला है. जीविका दीदियों के पास तरह-तरह के काम हैं और रोजगार के मौके और साधन सरकार खोज-खोज कर देती रहती है.
2005 में पहला बिहार टूर, अब तक 14 यात्राएं
नीतीश ने 2005 में पहली बार बिहार की यात्रा की. लालू यादव की पार्टी और उनकी पत्नी राबड़ी देवी की सत्ता से विदाई करानेवाले इस टूर का नाम न्याय यात्रा था. इसके बाद नीतीश ने अलग-अलग समय पर अलग-अलग वजह और मकसद से यात्राएं की. नीतीश ने लोकसभा चुनाव 2009 से पहले जनवरी में विकास यात्रा की, तो जीत के बाद जून में धन्यवाद यात्रा पर गए. फिर दिसंबर में प्रवास यात्रा की ताकि बिहार विधानसभा चुनाव 2010 से पहले सरकार के चार साल के काम गिना सकें. चुनाव से पहले नीतीश ने 2010 के अप्रैल में विश्वास यात्रा की जिसने उनका नेतृत्व और वोट बैंक काफी मजबूत किया. इस चुनाव में जेडीयू 115 सीट के साथ राज्य में अपने सबसे शानदार प्रदर्शन तक पहुंची.
संकल्प यात्रा के बाद हार गये थे चुनाव
विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद नीतीश ने 2011 में सेवा यात्रा की, तो 2012 में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग के साथ अधिकार यात्रा पर निकले. लोकसभा चुनाव 2014 से पहले नीतीश ने संकल्प यात्रा की, लेकिन चुनाव में भारी नुकसान हुआ. लोकसभा चुनाव के झटके से उबरकर बिहार विधानसभा चुनाव 2015 से पहले नीतीश नवंबर 2014 में संपर्क यात्रा पर गए. 2015 में महागठबंधन सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने सात निश्चय लागू किया और उसका असर देखने 2016 में निश्चय यात्रा करने निकले. नीतीश ने 2017 में समीक्षा यात्रा, 2019 में जल जीवन हरियाली यात्रा, 2021 में समाज सुधार यात्रा और 2023 में समाधान यात्रा की हैं.
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