Liquor Ban : शराबबंदी कानून से हट सकता है ये प्रावधान, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा जवाब

Liquor Ban : बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है. इस कानून की आड़ मे कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें शराब के साथ पकड़ में आने वाले शख्स या उसके परिसर से नकदी भी जब्त कर ली जाती है. इसे ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार से पूरे मामले में चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है.

By Ashish Jha | December 12, 2024 1:22 PM
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Liquor Ban :पटना. बिहार सरकार शराबबंदी कानून के एक प्रावधान को लेकर घिरती नजर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. बिहार में लागू शराबबंदी कानून के तहत शराब जब्ती के दौरान नकद राशि की बरामदगी को भी पुलिस जब्त कर लेती है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कानून के इस प्रावधानों को मौलिक हितों के विरुद्ध बताया गया है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार से जवाब तलब किया है. सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता आयुष आनंद द्वारा दायर याचिका में युवा अधिवक्ता सार्थक करोल एवं मोनू कुमार ने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बिहार में पुलिसिया मनमर्जी पर रोक लग सकती है.

सुधार की बढ़ी गुंजाइश

दरअसल मद्य निषेध कानून के तहत शराब के साथ जब्त होने वाली नकद राशि की कस्टडी कानून की धारा 60 के तहत आती है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद इसमें सुधार की गुंजाइश बढ़ गई है. याचिका में इसे निरंकुश प्रावधान बताते हुए पीठ से संज्ञान लेने की अपील की गई. इस पर संज्ञान लेते हुए न्यायधीश बिक्रमनाथ और न्यायाधीश प्रसन्ना वी वरले की पीठ ने बिहार सरकार से उपरोक्त विषय पर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती

युवा अधिवक्ता मोनू कुमार ने बताया कि पटना उच्च न्यायालय से कस्टडी के लिए आए एक फैसले के विरुद्ध यह याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई. हमने याचिका में बिहार में चल रहे पुलिसिया अन्याय और कानून के दुरुपयोग पर सवाल किए हैं, जिसके उपरांत पहली बार सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है. उम्मीद है कि कानून की विसंगति पर सरकार अपना रुख स्पष्ट करेगी.

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