केंद्र की कमेटी ने मंत्रियों के साथ राज्य में बराज डैम निर्माण, नदी जोड़ और नदियों को गाद रहित करने पर किया विमर्श
राज्य में बराज डैम निर्माण, नदी जोड़ योजना और नदियों को गाद रहित करने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. इसे लेकर केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी ने शुक्रवार को जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव सहित राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के साथ विमर्श किया.
संवाददाता, पटना
राज्य में बराज डैम निर्माण, नदी जोड़ योजना और नदियों को गाद रहित करने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. इसे लेकर केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी ने शुक्रवार को जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव सहित राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के साथ विमर्श किया. यह कमेटी केंद्र सरकार के राष्ट्रीय जल आयोग के नदी प्रबंधन समन्वय निदेशालय के द्वारा गठित की गयी है. कमेटी ने जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी से मुलाकात कर उन्हें अपने द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से अवगत कराया. इस अवसर पर श्री चौधरी ने विशेष रूप से इस विभाग के पूर्व में मंत्री रहे बिजेंद्र प्रसाद यादव और संजय कुमार झा को आमंत्रित किया था.बैठक के दौरान कमेटी के सदस्य ने इस मामले में विभिन्न प्रस्तावित योजनाओं एवं कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की रूपरेखा रखी. बैठक में बराज डैम निर्माण की संभाव्यता, नदी जोड़ योजना और नदियों को डि-सिल्टेशन किये जाने के बिंदुओं पर चर्चा हुई. इस मौके पर विभाग के पूर्व मंत्री रहे बिजेंद्र प्रसाद यादव और संजय कुमार झा ने भी अपने अनुभवों को साझा किया. बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, कमेटी के सदस्यगण सहित विभाग के वरीय अधिकारीगण और अभियंता उपस्थित थे. इसके अलावा बैठक में विभाग के सेवानिवृत्त अभियंताओं को भी आमंत्रित किया गया था. इसका मकसद उनके अनुभव एवं तकनीकी विशेषज्ञ के आधार पर विभाग का पक्ष समिति के सामने मजबूती से रखना था.
जल संसाधन मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि विभाग के पूर्व मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा ने पहल की थी. उस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काफी संवेदनशीलता दिखाते हुए बिहार में बाढ़ शमन एवं इसके दुष्परिणामों को कम करने के लिए संरचनात्मक उपाय के अध्ययन के लिए एक समिति गठित की है. यह समिति नदियों पर बराज की व्यवहार्यता के बिंदु पर अपनी रिपोर्ट शीघ्र देगी.
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