Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त से जारी जमीन सर्वेक्षण में पाया गया कि कैथी लिपि में लिखे गए पुरानी जमीन के दस्तावेजों को पढ़ने और समझने में काफी परेशानी हो रही थी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) ने इस समस्या का हल ढूंढ़ लिया है. 5 दिसंबर को विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने इससे संबंधित एक बुक लांच किया. इस बुक से उन भूमि मालिकों को फायदा होगा जिनकी जमीन के कागज कैथी लिपि में हैं.

Bihar land survey: अब कैथी लिपि को आसानी से समझ पाएंगे भूमि मालिक, विभाग के इस कदम से मिलेगी बड़ी राहत 2

यहां से डाउनलोड कर सकते हैं किताब

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री दिलीप जायसवाल ने किताब लांच करते समय कहा था कि हम लोगों को जमीन सर्वे के दौरान आ रही परेशानियों से वाकिफ है. सरकार ने नियम में भी बदलाव किया है. उन्होंने बताया कि किताब को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. कई ऐसे मामले आ रहे थे जिससे पता चल रहा था कि लोगों से काम के पैसे लिए जा रहे थे. उनको ठगा जा रहा था. सरकार के इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. दिलीप जायसवाल ने बताया कि इस काम के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के शिक्षकों और छात्रों की मदद ली गई थी.

सात जिलों में चलाया जा रहा है प्रशिक्षण कार्यक्रम

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से सात जिलों में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सारण, मुंगेर, मोतिहारी, दरभंगा, समस्तीपुर, सीवान और जमुई में फिलहाल ट्रेनिंग दी जा रही है. विभाग ने राज्य के अन्य जिलों में भी ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम तैयार कर लिया है. बिहार सरकार के इस कदम से राज्य के सभी वैसे रैयतों की टेंशन दूर होगी जिनके पास भू-स्वामित्व से संबंधित पुराने डाक्यूमेंट्स कैथी लिपि में लिखे हुए हैं.

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