Bihar CHO Exam: कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के 4500 पदों पर हुई ऑनलाइन परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की विशेष टीम लगातार जांच में जुटी है. इस फर्जीवाड़े की तह में पहुंचने के उद्देश्य से इओयू सभी 12 ऑनलाइन सेंटरों के सील कंप्यूटरों व कमांड सेंटर से जब्त पांच कंप्यूटरों की फॉरेंसिक जांच करायेगी. इससे अभियुक्तों के ऊपर लगे आरोप सिद्ध किये जाने को लेकर जांच एजेंसी के पास पुख्ता साक्ष्य इकट्ठा होंगे.

जांच एजेंसी खंगाल रही रविभूषण का कॉल डिटेल

इसके साथ ही जांच एजेंसी मास्टरमाइंड रविभूषण सहित उसके तमाम सहयोगियों के मोबाइल कॉल डिटेल (सीडीआर) के साथ ही विभिन्न मैसेजिंग एप के माध्यम से हुई बातचीत के साक्ष्य भी निकाल रही है. सीडीआर निकाले जाने पर इओयू को स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी कि एक और दो दिसंबर को हुई ऑनलाइन परीक्षा से पहले और परीक्षा के दिन उनकी किन-किन लोगों के साथ बातचीत हुई.

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अभ्यर्थियों के साथ हुए लेन-देन का भी लगाया जा रहा पता

इसके माध्यम से अभ्यर्थियों के साथ हुए लेन-देन का भी पता लगाया जा रहा है. इओयू की जांच में स्पष्ट हुआ है कि परीक्षा पास कराने के उद्देश्य से सॉल्वर गैंग के सदस्यों ने प्रति अभ्यर्थी चार से पांच लाख रुपये की डिमांड रखी थी. इनमें से लगभग आधी रकम पहले ली गयी थी, जबकि शेष रकम परीक्षा परिणाम के बाद ली जानी थी.

बैंक खाते और मोबाइल डिटेल खंगाल रही EOU

EOU अब तक पकड़े गए सभी 37 आरोपियों और अन्य संदिग्धों के बैंक खाते और मोबाइल डिटेल को खंगाल रही है. उनके कॉल डिटेल्स की भी जांच की जा रही है. इसके अलावा सभी परीक्षा संचालकों या परीक्षा केंद्र मालिकों, आईटी मैनेजर समेत अन्य मुख्य संदिग्धों के मोबाइल का डाटा भी निकाला जा रहा है.

आरोपितों के लोकेशन का भी पता लगाया जा रहा है. इन सभी के खातों में किए गए लेनदेन का पूरा ब्योरा निकाला जा रहा है. ऐसे 60 से 65 बैंक खाते हैं, जिनके पूरे विवरण की जांच की जा रही है.