Bihar by-Election : जितेंद्र मिश्रा, गया. विधानसभा उपचुनाव में टिकट बंटवारे में प्रमुख दलों की ओर से परिवार के सदस्यों को ही तरजीह दी जा रही है. इमामगंज व बेलागंज सीट पर जिस दल का पहले से कब्जा था, वे दल पहले के विधायक के परिजन को मैदान में उतारने पर विश्वास जताया है. इमामगंज सीट पर हम पार्टी की ओर से जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी को टिकट दिया गया है. इस सीट पर हम पार्टी का पहले से कब्जा है. यहां से विधायक रहे जीतनराम मांझी के गया संसदीय सीट से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गयी. इधर इमामगंज में हम पार्टी के प्रत्याशी को अपने परिजन के नाम पर ही चुनाव में मेहनत करना होगा. इनके साथ अन्य दलों की ओर से उतारे गये प्रत्याशी भी काफी सक्रिय हैं.

दोनों ही सीट पर करनी होगी मेहनत

इसके बाद बेलागंज विधानसभा चुनाव की बात की जाये, तो यहां से आठ बार राजद से विधायक रहे सुरेंद्र यादव के जहानाबाद से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गयी. उनके बेटे विश्वनाथ यादव पर राजद ने उपचुनाव में दाव खेला है. सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ बहुत पहले से ही बेलागंज में बहुत हद तक काम किया है. यहां पर हर गांवों में उनके पहचान बताने की जरूरत इस चुनाव में नहीं होगी. पहले से वे बेलागंज क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. दोनों ही सीट पर हर ओर से हद तक जोर-अजमाइश शुरू कर दी गयी है. देर रात तक लोगों से मिलने का दौर जारी है. 25 अक्टूबर तक नामांकन की अंतिम तिथि निश्चित है. नामांकन के बाद ही चुनावी मैदान की तस्वीर भी सामने आ सकेगा.

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अन्य दलों की ओर से भी हो रही जोर-अजमाइश

इमामगंज से इंडिया गठबंधन की ओर से रोशन मांझी को टिकट दिया गया है. उन्हें दल लोकल होने की दुहाई दे रही है. वहीं बेलागंज में एनडीए की ओर से पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को टिकट दिया गया है. इनकी राजनीतिक पहचान को कम नहीं आंका जा रहा है. इसके अलावा जनसुराज की ओर से भी प्रत्याशियों को उतारा गया है. अब तक एक भी प्रत्याशियों ने नामांकन नहीं किया है. हर दल की ओर से कई माह पहले से ही दोनों जगहों पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गयी थी. कई निर्दलीय प्रत्याशी के भी मैदान में उतरने की संभावना व्यक्त की जा रही है.