बिहार के इस अस्पताल में उद्घाटन के कुछ घंटों के बाद ही आइसीयू की पाइपलाइन में आयी गड़बड़ी, पुराने आइसीयू में भेजा गया मरीज
डीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड के ग्राउंड फ्लोर पर गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर आठ बेड का नया आइसीयू शुरू किया गया. लेकिन कुछ ही घंटों के बाद ऑक्सीजन पाइप लाइन में गड़बड़ी आ गयी.
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दरभंगा. डीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड के ग्राउंड फ्लोर पर गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर आठ बेड का नया आइसीयू शुरू किया गया. लेकिन कुछ ही घंटों के बाद ऑक्सीजन पाइप लाइन में गड़बड़ी आ गयी. लिहाजा एकलौते मरीज को ट्रामा सेंटर स्थित पुराने आइसीयू में भेज दिया गया. जानकारी के अनुसार एक गंभीर मरीज को इलाज के लिये नये आइसीयू में भेजा गया.
कृत्रिम सांस को लेकर मरीज को ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा गया. लेकिन मरीज को समुचित तरीके से ऑक्सीजन नहीं मिली. जांच करने पर पता चला कि पाइप लाइन से ऑक्सजीन की सप्लाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है. इसे लेकर संबंधित तकनीकी कर्मी को लगाया गया.
समाचार लिखे जाने तक इसको दुरस्तत करने का प्रयास किया जा रहा था. मौके पर मौजूद आइसीयू इंचार्ज डॉ हरि दामोदर सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन पाइप लाइन में कुछ समस्या हो गयी है. इसको ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रशासनिक विफलता से शुरू नहीं हो सकी नयी आइसीयू
कई माह पूर्व बीएमएसआइसिएल से डीएमसीएच को 26 वेंटिलेटर भेजा गया था. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूर्व तैयारी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया था. लेकिन कई माह तक वेंटिलेटर अस्पताल में बेकार पड़ा रहा. कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के आने के बाद जिला व अस्पताल प्रशासन की नींद खुली. इसे लेकर ऑक्सीजन पाइप लाइन, बिजली की वायरिंग आदि कार्य करायी गयी.
वेंटिलेटर के साफ्टेवयर इंस्टालेशन में काफी दिक्कत हुई. इसे लेकर पटना से टेक्नीशियनों को बुलाया गया. काफी जद्दोजहद के बाद बुधवार को आठ बेड को तैयार किया गया, लेकिन कुछ ही घंटे बाद आइसीयू को पाइप लाइन जवाब दे गया. इस कारण गंभीर मरीजों के उपचार में समस्या हो रही है.
जानकार बताते हैं कि अगर आइसीयू को पहले ही ठीक कर लिया जाता तो शायद कोरोना संक्रमित मरीजों के मौत में कमी आ सकती थी, लेकिन प्रशासनिक विफलता का खामियाजा आम मरीज व परिजनों को भुगतना पड़ रहा है. सूत्रों के अनुसार आइसीयू के लायक कई गंभीर मरीजों का उपचार आइसालेशन वार्ड में किया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha