मारपीट में घायल युवक की पटना में मौत, लोगों ने जाम की सड़क
नवादा नगर. शहर के प्रमुख सड़कों समेत विभिन्न मोहल्लों में जगह-जगह गंदगी पसरी हुई है. सबसे बुरी स्थिति आरएमडब्ल्यू कॉलेज के समीप, नायक गली और सदर अस्पताल के गेट के समीप की हुई पड़ी है. गंदगी का आलम यह है कि सारा कूड़ा-कचरा सड़कों पर फैला रहता है. इससे लोगों को कूड़े के बीच से नाक पर रूमाल रख कर गुजरने की नौबत बनी रहती है. इसके अलावा भी फल गली, आरएमएस गली, देवी मंदिर गली, स्टेशन रोड शराब डिपो गली व इसका मुहाना, सब्जी बाजार, पुरानी बाजार मोड़ मेन रोड आदि ऐसे प्रमुख इलाके हैं, जहां आम लोगों की भारी आवाजाही रहती है. लेकिन, इन इलाकों की साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. इसके अलावा पूरे शहर में नारकीय स्थिति हो कर रह गयी है. जबकि, स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर परिषद की ओर से कई कार्यक्रम कराये जा रहें है. पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद भी शहर के स्वच्छता का कोई मार्क ग्रेड नहीं है. क्या है स्वच्छता सर्वेक्षण: वर्ष 2016 से आवास व शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से संचालित स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता और सफाई सर्वेक्षण है. यह नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं में सुधार लाने और स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में कस्बों और शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने में सहायक रहा है. स्वच्छ सर्वेक्षण का प्राथमिक लक्ष्य बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और कस्बों और शहरों को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाने की दिशा में मिलकर काम करने के महत्व के बारे में समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता पैदा करना है. स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अंतर्गत आयोजित इस वार्षिक सर्वेक्षण ने लोगों, संसाधनों और अधिकारियों को यह साबित करने के प्रयास में जुटाया जाता है कि उनका शहर, भारत के सभी शहरों में सबसे स्वच्छ है और नागरिकों व शहरी स्थानीय निकायों द्वारा टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहित और प्रचारित किया जाता है. इसके बावजूद शहर में न तो जनता जागरूक हो रही है और न ही नप प्रशासन ने किसी पर कड़ी कार्यवाई की है. नतीजा यह है कि शहर में गंदगी फैली रहती है. शहर के अधिकांश रोड पर उड़ती है धूल स्टेशन रोड, थाना रोड, पार नवादा गया रोड, जेल रोड, पोस्टमार्टम रोड, हरिश्चंद्र स्टेडियम रोड, वीआईपी कलोनी रोड, मंगरबिगहा रोड इत्यादी सड़कों पर इतनी धूल उड़ती है कि बाइक सवार, को तो बिना मास्क और चश्मे के गुजरने से मुंह, नाक, आंख में डस्ट जमा हो जाती है. इन सड़कों पर कभी भी पानी की छिड़काव नहीं किया जाता है. सिर्फ इस रोड में होती है सफाई शहर के डीएम कोठी से लेकर जवाहर नगर होते हुए समाहरणालय तक कि सड़कें बहुत अच्छे से सफाई की जाती है. इसका मुख्य कारण है कि आलाधिकारियों और पार्टी के नेताओं का आवागमन इसी रोड से होती है. क्या कहते हैं अधिकारी नगर पर्षद के स्वच्छता पदाधिकारी शबाना प्रवीण ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत मैंने कई कार्यक्रम कराये हैं. इनमें मां के नाम एक पेड़, नगर मध्य विद्यालय में बच्चों को स्वच्छता शपथ, एसएसजी के महिलाओं से पांच-पांच पायलट प्रोजेक्ट तहत हर वार्ड में वार्ड वासियों को स्वच्छता को लेकर जागरूक कराना, स्वच्छता जागरूकता रैली निकालकर, वॉल पेंटिंग कराकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
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