सिकंदरपुर मन का पानी साफ करना बड़ी चुनौती, खुला आउटलेट बनी समस्या

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

सिकंदरपुर मन के सौंदर्यीकरण को लेकर बाहरी साज-सज्जा को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है, लेकिन मन के गंदे पानी को साफ करना नगर निगम से लेकर एजेंसी के लिये बड़ी चुनौती होगी. चौंकाने वाली स्थिति है कि अभी भी शहर के एक छोर जूरन छपरा से लेकर करबला व योगिया मठ तक नाले के पानी का मन में बहाव हो रहा है. अधिकांश जगहों पर मन में आउट लेट खुला हुआ है. पानी की सफाई को लेकर भी प्लानिंग की जा रही है, लेकिन नाले के पानी का लीकेज एक बड़ी अड़चन है. जूरन छपरा की ओर से पाथ वे बनने के बाद मिट्टी से भरा गया है. उसके बाद भी लिकेज की समस्या बनी हुई है. कुल मिला कर एक बड़े हिस्से का पानी मन में गिरता है, जिसको लेकर कई बैठकों में मुद्दा उठ चुका है, लेकिन इसके लिये अभी तक पहल नहीं शुरू की गयी है.

77 फीसदी पूरा हुआ सौदर्यीकरण का काम

सिकंदरपुर मन को लेकर लंबे समय से शहरवासी इंतजार कर रहे हैं. रिकॉर्ड के तहत अभी तक 77 फीसदी सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो चुका है. पाथ वे के साथ लाइटिंग और मन के किनारे लोगों के बैठने के लिये सीमेंट से चेयर का फ्रेम तैयार किया गया है. जिस पर एक बार में तीन से चार लोग बैठ सकते थे. हाल में रंग-रोगन का भी काम किया गया था लेकिन यह अभी से बदरंग होने लगा है. निर्माणाधीन इलाके में निगरानी नहीं होने के कारण कई जगहों पर अव्यवस्था शुरू हो गयी है. ऐसे में निर्माण एजेंसी और योजना की निगरानी को लेकर सवाल उठने लगा है. करीब तीन वर्ष पहले 177 करोड़ की योजना के साथ काम शुरू हुआ, कई बार अलग-अलग कारणों से योजना लटकी, लेकिन फिलहाल उद्घाटन से पहले ही मन सौंदर्यीकरण की स्थिति बदहाल होने लगी है.

योजना – सिकंदरपुर लेक फ्रंट सौंदर्यीकरण

– वर्क ऑर्डर – अक्टूबर 2021

– समय सीमा – 18 महीने (20 अप्रैल 2023 )

– बजट – 177 करोड़

– बजट में कटौती – करीब 38 करोड़

– फिलहाल काम की स्थिति – करीब 77 फीसदी

नये साल में योजना पूरा होने की उम्मीद

बाहरी साज-सज्जा के साथ सिकंदरपुर मन एक नये आकार में दिखने लगा है. अभी भी काम बचा हुआ है. नये साल में योजना पूरी होने की उम्मीद है. हालांकि कब से लोगों के लिये तमाम तरह की सुविधाओं के साथ इसे शुरू किया जायेगा, इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन लोग सिकंदरपुर मन में घूमने पहुंचने लगे हैं.

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