मनरेगा से नहीं बनेगी कच्ची सड़क, निजी जमीन पर पोखर व पौधे की रोपाई
MNREGA will not build kutcha roads
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के नियम में बदलाव हुआ है. अब इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र में कच्ची सड़क का निर्माण नहीं होगा. बारहमासी सड़क के लिए राशि स्वीकृत होगी. मसलन ईंट वाली रोड बनेगी. यही नहीं मिट्टी डालने के काम पर भी रोक लगा दी गयी है. मनरेगा से निजी जमीन पर काम कराया जाता है. इसमें पौधरोपण, पोखर खुदाई जैसी योजनाएं शामिल हैं. लेकिन अब निजी जमीन पर काम करने के लिए कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. अब जमीन पर मालिकाना हक का पूरा ब्योरा देना होगा.जॉब कार्ड धारक होना या उसके परिवार के किसी जॉब कार्ड धारक सदस्य का काम करना भी जरूरी होगा. हालांकि, यह नियम पहले से है कि जॉब कार्ड रहने पर ही निजी जमीन पर मनरेगा का काम करा सकते हैं. लेकिन अब उसमें काम करने की अनिवार्यता भी रखी गयी है.2.5 लाख मजदूर एक्टिवेट
मनरेगा मजदूरों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन इनकी संख्या बढ़ने के बदले घट रहा है. जिले में फिलहाल 4.5 लाख जॉब कार्ड धारक है. इसमें से सिर्फ 2.5 लाख एक्टिवेट हैं. इसके वजह से मानव दिवस बढ़ नहीं रहा है. मजदूरों की संख्या कम होने का एक वजह यह भी बताया जाता है कि अब योजना में कई स्तर पर सख्ती बरती जा रही हैु. फर्जी मजदूरी पर काफी हद तक रोक लग गयी है.मनरेगा मजदूर को बेरोजगारी भत्ता
मनरेगा में काम नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा. राज्य सरकार ने इस नियम पर मुहर लगा दी है. बेरोजगारी भत्ते का भुगतान पहले बिहार रोजगार गारंटी निधि में राज्यांश मद से किया जायेगा.काम मांगने पर 15 दिनों में काम नहीं देने पर बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान किया गया है. मौखिक आवेदन भी किया जा सकेगा रोजगार नहीं मिलने के 30 दिनों के अंदर आवेदक को आवेदन करना होगा. परिवार का मुखिया या सदस्य लिखित रूप से बेरोजगारी भत्ते का आवेदन नहीं कर पाने की स्थिति में मौखिक रूप से भी आवेदन कर सकता है. बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन देने के समय काम मांगने के दौरान दी गयी पावती को आवेदन के साथ देना होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है