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मुजफ्फरपुर में रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों का नया सफर, फ्री कंप्यूटर कोर्स से बदल रही जिंदगी

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Bihar News:मुजफ्फरपुर में यह साबित हो रहा है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. गोला रोड स्थित एक कंप्यूटर सेंटर में बुजुर्ग न सिर्फ कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम सीख रहे हैं, बल्कि इंटरनेट सर्फिंग और टाइपिंग जैसे कौशल भी विकसित कर रहे हैं. सेवानिवृत्त बैंककर्मी और अन्य नौकरी से जुड़े बुजुर्ग, जो पहले कंप्यूटर से अनजान थे, अब तकनीक की इस दुनिया में कदम रख चुके हैं.

बुजुर्गों के लिए खास कोर्स

यह कंप्यूटर सेंटर, जिसकी स्थापना रोटरी क्लब के अजीत कुमार अग्रवाल और लायनेस क्लब की पूर्व अध्यक्ष अलका अग्रवाल ने की थी, पिछले तीन महीनों से बुजुर्गों के लिए विशेष कोर्स चला रहा है. यह कोर्स पूरी तरह से नि:शुल्क है. यहां बुजुर्ग एमएस वर्ड, एक्सेल, टाइपिंग और इंटरनेट का उपयोग सीख रहे हैं. केंद्र की देखरेख और प्रशिक्षण का कार्य प्रबंधक सुधीर कुमार और प्रशिक्षक निशी कुमारी वर्मा सहित अन्य सहयोगी टीम द्वारा किया जा रहा है.

तकनीक ने आसान किया जीवन

83 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंककर्मी विमल किशोर उप्पल बताते हैं, “नौकरी के दौरान कंप्यूटर का बहुत कम उपयोग होता था. यहां से मैंने बेसिक कोर्स सीखा है, जिससे अब मेल के जरिए पत्र व्यवहार और इंटरनेट सर्फिंग में आसानी होती है. किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती.”

इंटरनेट और टाइपिंग में दक्षता

एक अन्य बुजुर्ग का कहना है, “अब इंटरनेट के जरिए किसी भी जानकारी को खोजना और लेख लिखना बेहद आसान हो गया है. टाइपिंग कौशल ने पत्र या अन्य दस्तावेज तैयार करने का काम सरल बना दिया है.”

ये भी पढ़े: बिहार में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए अब नहीं करनी होगी यात्रा, महिला शिक्षकों को बड़ी राहत

सभी उम्र के लिए प्रेरणा

यह पहल न केवल बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है. तकनीकी शिक्षा का यह अभियान यह दिखाता है कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती.

Bihar News:मुजफ्फरपुर में यह साबित हो रहा है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. गोला रोड स्थित एक कंप्यूटर सेंटर में बुजुर्ग न सिर्फ कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम सीख रहे हैं, बल्कि इंटरनेट सर्फिंग और टाइपिंग जैसे कौशल भी विकसित कर रहे हैं. सेवानिवृत्त बैंककर्मी और अन्य नौकरी से जुड़े बुजुर्ग, जो पहले कंप्यूटर से अनजान थे, अब तकनीक की इस दुनिया में कदम रख चुके हैं.

बुजुर्गों के लिए खास कोर्स

यह कंप्यूटर सेंटर, जिसकी स्थापना रोटरी क्लब के अजीत कुमार अग्रवाल और लायनेस क्लब की पूर्व अध्यक्ष अलका अग्रवाल ने की थी, पिछले तीन महीनों से बुजुर्गों के लिए विशेष कोर्स चला रहा है. यह कोर्स पूरी तरह से नि:शुल्क है. यहां बुजुर्ग एमएस वर्ड, एक्सेल, टाइपिंग और इंटरनेट का उपयोग सीख रहे हैं. केंद्र की देखरेख और प्रशिक्षण का कार्य प्रबंधक सुधीर कुमार और प्रशिक्षक निशी कुमारी वर्मा सहित अन्य सहयोगी टीम द्वारा किया जा रहा है.

तकनीक ने आसान किया जीवन

83 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंककर्मी विमल किशोर उप्पल बताते हैं, “नौकरी के दौरान कंप्यूटर का बहुत कम उपयोग होता था. यहां से मैंने बेसिक कोर्स सीखा है, जिससे अब मेल के जरिए पत्र व्यवहार और इंटरनेट सर्फिंग में आसानी होती है. किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती.”

इंटरनेट और टाइपिंग में दक्षता

एक अन्य बुजुर्ग का कहना है, “अब इंटरनेट के जरिए किसी भी जानकारी को खोजना और लेख लिखना बेहद आसान हो गया है. टाइपिंग कौशल ने पत्र या अन्य दस्तावेज तैयार करने का काम सरल बना दिया है.”

ये भी पढ़े: बिहार में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए अब नहीं करनी होगी यात्रा, महिला शिक्षकों को बड़ी राहत

सभी उम्र के लिए प्रेरणा

यह पहल न केवल बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है. तकनीकी शिक्षा का यह अभियान यह दिखाता है कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती.

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