टंकी व पाइप की मरम्मति नहीं होने से ग्रामीणों ने स्टेजिंग रूम में जड़ा ताला
Munger news : मुंगेर विश्वविद्यालय के 17 अंगीभूत एवं 16 संबद्ध कॉलेजों में साल 2023 से ही च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चार वर्षीय स्नातक आरंभ कर दिया गया है. चार वर्षीय स्नातक कोर्स में सरकार द्वारा कई नये विषयों को भी जोड़ा गया है, लेकिन एमयू के कॉलेजों में बिना नये विषयों के शिक्षकों के ही सीबीसीएस के विद्यार्थी स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं. अब ऐसे में विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के दावों को खुद ही समझा जा सकता है.
सीबीसीएस के कई विषयों में एक भी नहीं हैं शिक्षक
सरकार द्वारा सीबीसीएस के लिए अब ऑनर्स व सब्सीडियरी को पूरी तरह अलग कर दिया गया है. इसमें अब विद्यार्थियों को मेजर और माइनर विषयों के अतिरिक्त भीएसी, एसईसी जैसे कोर्स के विषयों का चयन करना होता है. सीबीसीएस के तहत जहां भीएसी कोर्स में स्वच्छ भारत, एसईसी कोर्स में स्क्रीप्ट राइटिंग, एसीसी कोर्स में इनवायरमेंटल साइंस तथा एडवांस स्प्रेड सीट टूल्स को जोड़ा गया है, वहीं इन विषयों में एमयू के एक भी कॉलेज में शिक्षक नहीं हैं. अब ऐसे में सीबीसीएस के विद्यार्थियों को इन विषयों की पढ़ाई किस विषय के शिक्षक करा रहे हैं, यह तो खुद विद्यार्थी या विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ही पता होगा. यह हाल तब है, जब एमयू में सीबीसीएस के तहत दो सत्र संचालित हो रहे हैं.
इनवायरमेंटल साइंस में 17 सीट स्वीकृत, शिक्षक शून्य
वैसे तो एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में इनवायरमेंटल साइंस के लिए सरकार से एक साल पहले ही 17 शिक्षकों के पदों की स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन मुंगेर विश्वविद्यालय के कॉलेजों में इस विषय में एक भी शिक्षक अबतक कार्यरत नहीं है. इनवायरमेंटल साइंस न केवल सीबीसीएस स्नातक के विद्यार्थियों के कोर्स में जुड़ा विषय है, बल्कि यह विषय पीजी के एईसीसी तथा एसीसी कोर्स में भी शामिल है. हालांकि एमयू के पास पहले भी इस विषय में एक भी शिक्षक नहीं थे. ऐसे में एमयू के 17 अंगीभूत एवं 16 संबद्ध कॉलेजों में इन विषयों की पढ़ाई भगवान भरोसे ही है.
नियुक्ति को लेकर गाइडलाइन प्राप्त नहीं है : डीएसडब्ल्यू
डीएसडब्लू प्रो भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि सीबीसीएस के तहत जुड़े नये कोर्स के लिए शिक्षकों की नियुक्ति या पद सृजन को लेकर अबतक सरकार से कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई है. इसके कारण इन विषयों में शिक्षक नहीं हैं. हालांकि इनवायरमेंटल साइंस में विश्वविद्यालय में 17 पद स्वीकृत हैं. जिसके लिए कुलपति से विचार कर तत्काल अतिथि शिक्षक नियुक्त किये जाने का निर्णय लिया जायेगा.