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Munger News : मुंगेर. मुंगेर सदर अस्पताल पिछले दो वर्ष से 100 बेड के मॉडल अस्पताल का आस लगाये बैठा है. लेकिन बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का दंश झेल रहे लोगों को अब जल्द ही लगभग 32.5 करोड़ की लागत से बन रहे 100 बेड के अत्याधुनिक मॉडल अस्पताल का लाभ मिलने की उम्मीद है. मॉडल अस्पताल का निर्माण कर रहा बीएमआइसीएल दिसंबर तक स्वास्थ्य विभाग को मॉडल अस्पताल हैंडओवर कर देगा. इससे मुंगेर वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी.
पूर्ण सुविधाओं के साथ वातानुकूलित होगा मॉडल अस्पताल
मुंगेर मॉडल अस्पताल जहां पूर्ण सुविधाओं से लैस होगा. वहीं यह पूर्ण रूप से वातानुकूलित होगा. मॉडल अस्पताल की तीन मंजिला इमारत का प्रत्येक फ्लोर सेंटरलाइज एसी से लैस होगा. जबकि यहां एक ही जगह सभी प्रकार की जांच जैसे पैथोलॉजीकल, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, ईसीजी आदि की व्यवस्था होगी. इससे मरीजों को जांच के लिये अलग-अलग जगह जाने की जरूरत नहीं होगी. वहीं इसमें बच्चों के इलाज के लिए भी एक अलग से वार्ड होगा, जहां दवा से लेकर जांच तक की सभी सुविधा सुलभ होगी.
ट्रामा के मरीजों के लिए अलग से होगा अत्याधुनिक वार्ड
100 बेड के मॉडल अस्पताल में मारपीट, सड़क दुर्घटना, गन शॉट जैसे मामलों के लिए अलग से अत्याधुनिक ट्रामा वार्ड होगा. इसमें इन मामलों के घायलों को इलाज के लिए भर्ती किया जायेगा. साथ ही इस वार्ड के लिए अलग से विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी होगी. जबकि वार्ड में मरीजों को ओटी तक ले जाने के लिए भी स्लोप की सुविधा होगी. इससे घायलों को आसानी से ओटी तक ले जाया जा सकेगा.
इमरजेंसी वार्ड में होगी 5 बेड के ट्राइएज की सुविधा
वर्तमान में वैसे तो सदर अस्पताल में 6 बेड का इमरजेंसी वार्ड संचालित किया जा रहा है. लेकिन नियमानुसार प्रत्येक इमरजेंसी वार्ड में ट्राइएज की सुविधा होनी जरूरी है. जो यहां इमरजेंसी वार्ड में नहीं है. लेकिन 100 बेड के मॉडल अस्पताल में बनने वाले इमरजेंसी वार्ड में 5 बेड के ट्राइएज की सुविधा होगी.ट्राइएज एक ऐसी व्यवस्था होती है. जहां किस मरीज को किस वार्ड में भर्ती किया जाना है. उसके आधार पर उनका वर्गीकरण चार जोन में किया जाता है. इसमें जोन-1 ग्रीन में माइनर केस जैसे पेट दर्द, बुखार, उल्टी या साधारण बीमारियों के गंभीर मरीजों को रखा जाता है. जिसे चिकित्सकीय सलाह के बाद सामान्य वार्डों में भर्ती किया जाता है. जबकि जोन-2 पीला में सेमी क्रिटिकल अर्थात वैसे गंभीर मरीज, जिसे वेंटिलेटर की आवश्यकता न हो उसे रखा जाता है. जिसे बाद में चिकित्सीय सलाह पर एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) में भर्ती किया जाता है. जबकि जोन-3 रेड में गंभीर मरीज, जैसे ट्रामा, दुर्घटना, गन शॉट के वैसे मामले, जिसे वेंटिलेटर की आवश्यकता हो, उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया जाता है. जबकि जोन-4 ब्लैक में शवों को रखा जाना है.
अत्याधुनिक होगा आईसीयू, मिलेगी एचडीयू की सुविधा
मुंगेर. मॉडल अस्पताल में सभी बड़े स्वास्थ्य संस्थानों की तरह गंभीर व अति गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) तथा एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) की व्यवस्था होगी. इसमें अलग-अलग तरह के मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया जायेगा. वैसे क्रिटिकल मरीज, जिसे वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है. उसे आईसीयू में भर्ती किया जायेगा. जबकि वैसे मरीज, जो क्रिटिकल तो होते हैं, लेकिन उनके लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं होती है. उसे एचडीयू यूनिट में रखा जायेगा.
कहते हैं बीएमआइसीएल के अधिकारी
100 बेड के मॉडल अस्पताल का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. उसे दिसंबर तक स्वास्थ्य विभाग को सभी सुविधाओं से लैस कर हैंडओवर कर दिया जायेगा.
-सुमित कुमार, अधिकारी, बीएमआइसीएल
कहते हैं सिविल सर्जन
100 बेड के मॉडल अस्पताल में मरीजों के लिए अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं होगी. हालांकि चिकित्सकों की कमी से विभाग को लगातार अवगत कराया जा रहा है. उम्मीद है कि मॉडल अस्पताल निर्माण तक मुंगेर स्वास्थ्य विभाग को सरकार से सर्जन सहित विशेषज्ञ चिकित्सक मिल जायेंगे.
-डॉ विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन