डिस्पिलनरी कमेटी के निर्णयों को लेकर भी एमयू प्रशासन पूरी तरह लापरवाह
नवंबर माह में ही डिस्पिलनरी कमेटी की बैठक आयोजित की गयी, लेकिन इस बैठक में लिये गये निर्णयों को एमयू प्रशासन एक माह बाद भी पूरा नहीं कर पाया है.
मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा नवंबर माह में ही डिस्पिलनरी कमेटी की बैठक आयोजित की गयी, लेकिन इस बैठक में लिये गये निर्णयों को एमयू प्रशासन एक माह बाद भी पूरा नहीं कर पाया है. जिसके कारण कमिटी के निर्णय के बाद भी जहां अबतक खेल विभाग के कर्मी गुंजेश कुमार सिंह को अबतक एक लाख रूपये एडवांस सेटलमेंट को लेकर पत्र दिया गया है और न ही जेआरएस कॉलेज, जमालपुर के कर्मी रौशन कुमार के मामले को लेकर जांच कमेटी बन पायी है.
बता दें कि नवंबर माह में विश्वविद्यालय के डिस्पिलनरी कमेटी की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. जिसमें शिक्षक व कर्मियों के डिस्पिलीन मामलों की समीक्षा की गयी. जिसमें निर्णय लिया गया कि खेल विभाग के कर्मी सह पूर्व स्थापना कर्मी गुंजेश कुमार सिंह को एक लाख रूपये एडवांस की राशि तीन दिनों में विश्वविद्यालय को देनी है, अन्यथा इतनी ही राशि इंस्टॉलमेंट में उनके वेतन से काटी जायेगी. जबकि जेआरएस कॉलेज, जमालपुर के कर्मी रौशन कुमार के निलंबन को लेकर चार सदस्यीय कमेटी बनायी जानी है. जिसकी जांच रिर्पोट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. वहीं बैठक में ही चार सदस्यीय कमेटी में कुलसचिव, प्रॉक्टर, जेआरएस कॉलेज, जमालपुर के प्राचार्य तथा आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्राचार्य को मेंबर बनाया गया है. इसके अतिरिक्त कर्मी असद फारूखी के विश्वविद्यालय में योगदान नहीं देने को लेकर अगले डिस्पिलनरी कमेटी की बैठक तक उनके वेतन को रोकन का निर्णय लिया गया.कहते हैं ओएसडी
ओएसडी डॉ प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि गुंजेश कुमार सिंह को पत्र देने के लिये डीएफए स्वीकृति को लेकर कुलपति के पास भेजा गया है. जबकि रौशन कुमार के मामले को लेकर जांच कमेटी बनाने की जानकारी नहीं है. वहीं असद फारूखी द्वारा विश्वविद्यालय में योगदान दिया गया. जिसके बाद उसे वापस कॉलेज भेज दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है