युगद्रष्टा थे आदिकवि महर्षि वाल्मीकि: पीयूष झा

शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरुवार को पाली पंचायत के उमवि फदरपुर में आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 17, 2024 9:38 PM
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बड़हिया. शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरुवार को पाली पंचायत के उमवि फदरपुर में आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी. संस्कृत के विद्यालय अध्यापक पीयूष कुमार झा की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में पाठ्य-पुस्तक पर अंकित आदिकवि महर्षि वाल्मीकि के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया. संस्कृत शिक्षक सह प्रतिभा चयन एकता मंच के सचिव पीयूष कुमार झा ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि युगद्रष्टा थे. उन्होंने त्रेतायुग में ऐसे महाकाव्य की रचना की जिसमें आने वाले सभी युगों की मानवीय प्रवृत्ति व निवृत्ति समाहित हैं. इसलिए रामायण आज भी प्रासंगिक है. उनके आश्रम में ही माता सीता ने लव-कुश का जन्म दिया. भारतीय संस्कृति में महर्षि वाल्मीकि का योगदान अविस्मरणीय है. इस अवसर पर शिक्षक मुकेश कुमार, जितेंद्र कुमार, रविशंकर कुमार, प्रीति कुमारी महतो आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का समापन रामचरित मानस की चौपाई व सामूहिक शांति पाठ से हुआ.

मौसम परिवर्तन से प्रभावित होने लगे लोग

मेदनीचौकी. इन दिनों मौसम का परिवर्तन होना शुरू हो गया है. जिससे लोग प्रभावित होने लगे हैं. गर्मी की विदाई और ठंड के आगमन से मौसम लड़ रहा है, इससे बुढ़े-बुजुर्ग, युवा व बच्चे सभी उम्र के लोग सर्दी, खांसी बुखार आदि से पीड़ित होकर परेशान हो रहे हैं. उधर, ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्रों में मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ रहा है.

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