33.1 C
Ranchi
Saturday, March 15, 2025 | 12:06 pm
33.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पटना हाईकोर्ट से केके पाठक को मिली राहत, अवमानना मामले में आरोप तय करने के लिये हाजिर होने से किया मुक्त

Advertisement

बिहार में 32540 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े अवमानना के एक मामले में पटना हाईकोर्ट ने के के पाठक को राहत दी है. कोर्ट ने अब इस मामले में आरोप तय करने के लिये के के पाठक को कोर्ट में हाजिर होने से मुक्त कर दिया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना हाइकोर्ट ने बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने के के पाठक को अवमानना के मामले में आरोप तय करने के लिये हाजिर होने से मुक्त कर दिया है. जस्टिस पी बी बजनथ्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विजेंद्र कुमार सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया . कोर्ट ने अब के के पाठक को अवमानना मामले में आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने से मुक्त कर दिया है.

क्या है मामला

यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य में 32540 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. 2016 में हाइकोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि उपरोक्त 32540 सीटों में से जितने भी सीट खाली बची हुई हैं उन्हें एक बार की प्रक्रिया में भर दिया जाये. उस समय तकरीबन हजार मामले ऐसे थे जिसमें कई सहायक शिक्षकों की नियुक्तियां फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुई थी. हाइकोर्ट ने निर्देश दिया था कि फर्जीवाड़े से नियुक्त हुए शिक्षकों को निकालने के बाद वैसी हजार रिक्तियां बची हुई मानी जायेगी . इसीलिए अन्य अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच 3 महीने में करते हुए उन हजार उम्मीदवारों से भरने का निर्देश हाइकोर्ट ने दिया था.

के के पाठक को कोर्ट में हाजिर होने का दिया गया था आदेश

गौरतलब है कि इस आदेश के 7 साल होने के बावजूद हाइकोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने उक्त आदेश के अनुपालन में एक भी नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया है. गत 25 जुलाई को इसी खंडपीठ ने सरकार के इस रवैया पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपर मुख्य सचिव के के पाठक को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था .

हाईकोर्ट को बताया गया क्यों हुआ नियुक्ति पत्र जारी करने में विलंब

बुधवार को सुनवाई के दौरान अवमानना मामले में के के पाठक की तरफ से उनके वकील नरेश दीक्षित ने कोर्ट को हलफनामा देते हुए बताया कि पिछले सात सालों में नियुक्ति पत्र जारी करने में विलंब का कारण विभाग एवं बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के बीच तालमेल की कमी रही है. आयोग को शिक्षक अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच परख कर नियुक्ति के लिये अनुशंसा करनी थी. केके पाठक ने जब से कार्यभार संभाला है उसके बाद से हाईकोर्ट में जो भी शिक्षा विभाग से जुड़े लंबित मामले थे उन पर तेजी से कार्रवाई शुरु कर दी गई है.

Also Read: बिहार : स्कूल टाइमिंग में जातीय गणना का कार्य नहीं करेंगे शिक्षक, के के पाठक ने जारी किया नया आदेश

23 अगस्त 2023 को होगी अगली सुनवाई

राकेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि इस महीने की 6 तारीख को ही जैसे ही आयोग की तरफ से सुयोग्य अभ्यार्थियों के चयन हेतु अनुशंसा विभाग को मिली त्योंही स्वयं अपर मुख्य सचिव ने पूरे शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए उसी समय नियुक्ति पत्र जारी कर दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त 2023 को की जाएगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम वीडियो
News Snaps
News Reels आप का शहर