बिहार के किशनगंज सीट से केवल एक बार जीते हिंदू प्रत्याशी, ताबड़तोड़ वोटिंग करते हैं यहां के मतदाता..
बिहार के किशनगंज संसदीय सीट की लड़ाई इस बार भी दिलचस्प दिख रही है.
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लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में बिहार की पांच सीटों के लिए मतदान होना है. इनमें तीन सीटें सीमांचल की हैं. कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया संसदीय सीटों की लड़ाई में दो सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है. किशनगंज और पूर्णिया का मुकाबला इसबार बेहद दिलचस्प होता दिख रहा है. दोनों जगह तीन उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर की स्थिति अभीतक नजर आ रही है. सीमांचल में ही विपक्ष को पिछले लोकसभा चुनाव में एकमात्र सीट पर जीत का स्वाद चखने को मिला था. इसबार भी सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है. मुस्लिम बाहुल्य सीट किशनगंज के इतिहास में अबतक एकमात्र हिंदू सांसद जीते हैं.
मुस्लिम बाहुल्य सीट किशनगंज की लड़ाई..
सीमांचल में मुस्लिम बाहुल्य किशनगंज सीट पर तीन उम्मीदवारों के बीच इसबार भी कड़ी टक्कर की स्थिति दिख रही है. यहां कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद जावेद, जदयू के प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद और AIMIM के अख्तरुल ईमान के बीच लड़ाई की स्थिति बनी है. पिछले चुनाव में भी जदयू, कांग्रेस और AIMIM प्रत्याशी के बीच टक्कर हुई थी और कांग्रेस ने इस सीट पर बाजी मारी थी. किशनगंज में 60 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोटर हैं. सभी दलों के नेता मुस्लिम मतदाताओं को गोलबंद करने में जुटी है.
AIMIM की एंट्री ने त्रिकोणीय बनाया मुकाबला..
किशनगंज में लगातार तीन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीत दर्ज करती आयी है. 2014 और 2019 में पूरे देश में दिखे प्रचंड मोदी लहर में भी यहां से कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की. पिछले चुनाव में बिहार के अंदर एनडीए के क्लीन स्वीप के मंसूबे पर किशनगंज ने ही पानी फेरा था. इस सीट पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री से मुकाबला इसबार भी त्रिकोणीय बनता दिख रहा है. ओवैसी किशनगंज में कुछ दिनों से कैंप भी कर रहे हैं. पिछले चुनाव में AIMIM प्रत्याशी को यहां सम्मानजनक वोट मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार को 3 लाख 67 हजार 17 वोट तो दूसरे नंबर पर रही जदयू को 3 लाख 32 हजार 551 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर रहने वाले AIMIM प्रत्याश को भी 2 लाख 95 हजार 29 वोट मिले थे. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल की पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी.
किशनगंज में एक ही हिंदू सांसद बने..
किशनगंज संसदीय सीट पर केवल एकबार ही हिंदू उम्मीदवार की जीत हुई है. मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर लगातार मुस्लिम उम्मीदवार ही जीते हैं. लखन लाल कपूर ने एकबार इस सीट पर 1967 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. उसके बाद अलग-अलग दलों के मुस्लिम उम्मीदवार ही यहां से जीते. इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 18,24,881 मतदाता यहां हैं. जिनमें 942839 पुरुष व 881976 महिला मतदाताएं हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुए थे. इस संसदीय क्षेत्र में मतदान करने को लेकर वोटरों में खास उत्साह देखा जाता रहा है.
किशनगंज के सांसद कौन-कौन रहे..
- 1957- एम ताहिर: कांग्रेस
- 1962- एम ताहिर: कांग्रेस
- 1967- लखन लाल कपूर: पीएसपी
- 1971- जमीलुर्रहमान: कांग्रेस
- 1977- हलीमुद्दीन अहमद: भा.लो.द
- 1980- जमीलुर्रहमान: कांग्रेस
- 1985- सैयद शहाबुद्दीन: जनता पार्टी
- 1989- एम जे अकबर: कांग्रेस
- 1991- सैयद शहाबुद्दीन: जनता पार्टी
- 1996- मोहम्मद तस्लीमुद्दीन: जनता दल
- 1998- मोहम्मद तस्लीमुद्दीन: राजद
- 1999- सैयद शाहनवाज हुसैन: भाजपा
- 2004- मोहम्मद तस्लीमुद्दीन: राजद
- 2009- मुहम्मद असरारुल हक: कांग्रेस
- 2014- मुहम्मद असरारुल हक: कांग्रेस
- 2019- मुहम्मद जावेद आजाद: कांग्रेस