जिले में गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान: सुरक्षित मातृत्व के लिए संस्थागत प्रसव पर जोर
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और गृह प्रसव को पूरी तरह समाप्त करने के उद्देश्य से गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की गई है.
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गृह प्रसव मुक्त पंचायत बनाने के लिए जिले में प्रमुख कदम उठाए जा रहे है: सिविल सर्जन किशनगंज.जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और गृह प्रसव को पूरी तरह समाप्त करने के उद्देश्य से गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की गई है. इस अभियान के तहत, प्रखंड स्तर पर सभी आशा कार्यकर्ताओं, आशा फैसिलिटेटर्स और एएनएम के साथ सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक शनिवार को बैठक आयोजित की गई. विदित हो की जिला स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में जिला पदाधिकारी श्री विशाल राज द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गृह प्रसव रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर चर्चा की गई. बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सभी एएनएम और आशा दीदियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि गांवों को “गृह प्रसव मुक्त पंचायत ” बनाया जा सके.
क्यों जरूरी है संस्थागत प्रसव ?
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की संस्थागत प्रसव (अस्पताल में प्रसव) न केवल मां और नवजात शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि प्रसव के दौरान आने वाली जटिलताओं को भी समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है. ग्रामीण इलाकों में अभी भी कई महिलाएं घर पर ही प्रसव करने के लिए मजबूर होती हैं, जिससे उनकी और बच्चे की जान को खतरा हो सकता है. इसलिए, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना और इस बारे में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में संस्थागत प्रसव की संख्या को बढ़ाकर मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना है. गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर महिला सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचे और घर पर प्रसव करने की घटनाओं को पूरी तरह समाप्त किया जा सके. बैठक में शामिल सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने इस दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया और हर गांव को गृह प्रसव मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी महिला अनजान में या संसाधनों की कमी के कारण घर पर प्रसव न करे, और हर महिला को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए.
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