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फूलों की खुशबू बिखरते हुए सुंदर भविष्य का निर्माण कर रही नूतन

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फूलों की खुशबू बिखरते हुए सुंदर भविष्य का निर्माण कर रही नूतन

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– जीविका से जुड़ कर अब कोढ़ा की महिला भी हो रही है आत्मनिर्भर – लाखों कमाकर दूसरी महिलाओं के लिए बन रही हैं नजीर प्रतिनिधि, कोढ़ा आधी आबादी विकास के हर क्षेत्र में अपने बलबूते अपने लगन व मेहनत के बल पर विकास व उन्नति के नये आयाम गढ़ रही है. कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के मखदुमपुर निवासी सह जीविका सीएम नूतन चौरसिया नर्सरी का निर्माण कर विभिन्न प्रकार के पौधों का ट्रांसप्लांकर अपने आर्थिक खुशहाली की नर्सरी के फूलों की तरह खुशबू बिखरते हुए सुंदर भविष्य का निर्माण कर रही हैं. जीविका सीएम नूतन चौरसिया ने बताया कि जीविका से रोजगार के नाम पर पचास हजार रुपये ऋण लेकर नर्सरी का कार्य प्रारंभ किया. धीरे-धीरे उसके मेहनत रंग लायी और परिणाम स्वरूप आज उनका दो नर्सरी चल रहा है. उनके नर्सरी में आम, लीची, जामुन, कटहल, चंदन, कदम, महोगनी, गुलाब, गेंदा, अरहुल, चंपा, चमेली समेत दर्जनों प्लांट आदि पौधों का पालन हो रहा है. बेहतर गुणवत्ता वाले पौधे और उचित मूल्य के कारण ग्राहक नर्सरी पर आकर अपने मनपसंद पौधे ले जाकर अपने बाग बगीचे व फूलों की कियारियों में लगाते हैं. जिसका परिणाम भी ग्राहकों को बेहतर मिलता है. कहती हैं जीविका के सीएम जीविका सीएम नूतन चौरसिया ने प्रभात खबर को बताया कि बचपन से ही उन्हें विभिन्न प्रकार के कोमल-कोमल पंखुड़ियां से लदे पौधे व फूलों से काफी लगाव था. बचपन से ही अपने दरवाजे व आंगन में फूलों का पौधा लगाते थे. जब हम जीविका से जुड़े और उनके बाद उन्हें लगा कि क्यों ना नर्सरी लगाकर आय का साधन बनाया जा सकता है. जीविका से ऋण लेकर तीन साल पहले नर्सरी की शुरुआत की. हालत के पहले प्रारंभिक दौर में काफी परेशानी हुई. बावजूद इसके हमने हिम्मत नहीं हारी घर की स्थिति ऐसी भी हो गयी कि कभी-कभी बच्चों के बीमार होने पर औषधि के लिए भी मोहताज होना पड़ता था. पर साहस से काम लिया. जिसका नतीजा धीरे-धीरे अच्छा आने लगा. आज के तारीख में मैं और मेरी नर्सरी आत्मनिर्भरता के मुकाम पर खड़ी है. जीविका के इस नर्सरी से मनरेगा में भी जाता है पौधा जीविका के इस नर्सरी से सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा द्वारा भी खरीद की जाती है. नर्सरी में नूतन खुद से ही मेहनत व उसके रखरखाव व देखभाल स्वयं ही करती है. जिस कारण उन्हें इस वर्ष तकरीबन तीन लाख से साढ़े तीन लाख रुपए का लाभ हुआ है. जीविका से जुड़कर नर्सरी लगाने को लेकर अन्य महिलाओं को भी किया प्रेरित जीविका सीएम नूतन चौरसिया ने कहा कि जो महिलाएं बेरोजगार और आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं. उनके लिए नर्सरी का कार्य भी बेहतर आय का साधन बन सकता है. इस संदर्भ में जीविका के बीपीएम उपमानंद भारती ने बताया कि जीविका समूह के प्रयास से प्रखंड क्षेत्र में जीविका के द्वारा कई उत्पाद के साथ-साथ नर्सरी का भी कार्य किया जा रहा है. जीविका समूह जीविका दीदियों के लिए रोजगार के लिए ऋण देकर एक बेहतर अवसर प्रदान कर रहा है. जीविका दीदी बेहतर कर भी रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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