बिजली के आंख मिचौली के कारण उपभोक्ताओं को हो रही है परेशानी
लोगों को मुश्किल से 5 से 6 घंटा ही मिल पाती है बिजली
कोढ़ा. पिछले कई दिनों से बिजली की आंख मिचौली के कारण विद्युत उपभोक्ता परेशान हैं. बिजली कब आती है और कब जायेगी. इसका कोई ढोर ठिकाना नहीं रहता है. खासकर जब बादल उमड़ने घूमड़ने लगता है और इधर बूंदाबांदी हुई नहीं की उधर बिजली महारानी हो गयी गुल. खासकर संध्या बेला और रात्रि में बिजली की आंख मिचौली के कारण जहां गृहणियां को खाना बनाने व खाने-पीने में परेशानी होती है. बच्चों व छात्र छात्राओं के पठन-पाठन में भी काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीण इलाकों के विद्युत उपभोक्ताओं का कहना है कि हम लोगों को मुश्किल से 5 से 6 घंटा ही बिजली मिल पाती है. जिस कारण इस बरसात में भी टॉर्च या मोमबत्ती के सहारे जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है.
झमाझम बरसात के कारण बेतहासा गर्मी से त्रस्त लोगों को मिली राहत
पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर हो रहे मूसलाधार बारिश से अब बहियारों में जहां हरियाली छा गयी है. धान रोपनी के परवान पर होने के कारण बहिया गुलजार होने लगा है. जबकि आसमान में उमड़ घुमड़ रहे बादलों को देख किसान अपने खेतों में धान रोपनी से ट्रैक्टर व हल बैल के सहारे कादो करने में जुटे हुए हैं. मौसम का मिजाज देख किसान पूरी तरह प्रसन्नचित व आशान्वित नजर आ रहे हैं. अब धान की रोपनी आसानी से कर पायेंगे. हालांकि नीचले स्तर के खेतों में पानी के लग जाने के बाद किसान फटाफट धान की रोपनी कर ली है. जबकि ऊंची जमीन पर कियारी बनाते हुए पंपसेट से सिंचाई कर धान रोप रहे हैं. किसानों का मानना है कि अगर मौसम का रुख 10 दिनों तक ऐसा ही रहा तो अधिकांश खेतों में धान की रोपनी पूरी हो जायेगी. इस झमाझम बरसात के कारण बेतहाशा गर्मी से त्रस्त लोग काफी राहत का एहसास कर रहे हैं. जबकि बाजार व चौक चौराहों समेत गांव की गलियां, आंगन कीचड़ से लथपथ हो जाने के कारण जन जीवन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बहरहाल इस झमाझम बरसात के कारण जहां धान की रोपनी परवान पर है. धान रोपनी के लिए मजदूरों की किल्लत हो रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है