विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में इन दिनों सबकुछ सही नहीं चल रहा. सीट शेयरिंग की कवायद के बीच ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आगामी लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले लड़ने की घोषणा कर दी. उधर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) लोकसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी. जिसके बाद इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. लोकसभा चुनाव नजदीक आ चुका है और अब सीटों का बंटवारा तय होने के बदले दो प्रमुख पार्टियों के द्वारा किए गए फैसले ने बिहार की राजनीति को भी गरमा दिया है. जदयू ने कांग्रेस को सलाह दी है तो राजद ने भी अब चिंता जाहिर की है. राजद के सांसद मनोज झा ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

TMC और AAP की बगावत

विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया अब नयी मुसीबत का सामना कर रहा है. गठबंधन के दो प्रमुख घटक दल तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बंगाल और पंजाब में अपने रास्ते अलग कर लिए हैं. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि वो कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के लिए तैयार नहीं हैं और अब बंगाल में टीएमसी तो पंजाब में आप अकेले चुनाव लड़ेगी. वहीं बिहार में भी अभी तक सीटों का बंटवारा या इसका फॉर्मूला तय नहीं हुआ है. इस बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी बिहार में होने जा रही है. गठबंधन में आयी दरार ने अब बिहार में राजद और जदयू की चिंता बढ़ा दी है. दोनों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आयी है.

राजद सांसद मनाेज झा बोले..

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में टीएमसी और आप के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है. इसे स्वस्थ संकेत तो बिल्कुल नहीं कहा जा सकता था. लेकिन इंडिया गठबंधन की बुनियाद पटना से पड़ी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद प्रमुख लालू यादव का उन्होंने जिक्र किया और बोले कि हम चाहेंगे कि जल्द से जल्द अंतर्विरोध को सुलझा लिया जाए.


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जदयू की ओर से आयी तीखी प्रतिक्रिया

इधर, जदयू के राष्ट्रीय सलाहकार सह प्रवक्ता केसी त्यागी ने राहुल गांधी की यात्रा पर सवाल उठा दिया है. उन्होंने कहा कि यात्रा का समय उचित नहीं था. वह सबसे बड़ी कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं. उन्हें सहयोगी पार्टियों के साथ सीटों का तालमेल पक्की करनी चाहिए थी. केसी त्यागी ने ज्वाइंट कैंपेन करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि अगर पदयात्रा जरुरी था तो उसमें सबको शामिल करना चाहिए था. केसी त्यागी ने कहा कि अफसोस यह है कि कांग्रेस बहुल हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक और तेलंगाना में वे किसी के साथ भी सीट साझा करने के लिए तैयार नहीं हैं. उनको अनुपातिक प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चाहिए. इसी का नतीजा है कि हमारे अथक प्रयासों से इंडिया गठबंधन में आयी तृणमूल कांग्रेस हमसे छिटक गयी. पिछले 24 घंटों में घटित घटनाक्रम हमें चिंता में डालने वाला है.