Jayaprakash Narayan: सारण के सिताब दियारा में जन्मे थे आपातकाल के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले लोकनायक जेपी
Jayaprakash Narayan: जयप्रकाश नारायण घर- घर क्रांति का दिया जलाना चाह रहे थे. उनका जीवन बहुत ही संयमित व नियंत्रित रहता था. 5 जून 1975 को पटना में ऐतिहासिक रैली में जयप्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया था.
भारतीय लोकतंत्र के महानायक जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिले के सिताब-दियारा गांव में हुआ था. जयप्रकाश नारायण (JP) का जन्म उस समय में हुआ था जब देश अंग्रेजों के आधीन था. उस वक्त देश स्वतंत्रता के लिए छटपटा रहा था. जयप्रकाश नारायण की प्रारम्भिक शिक्षा सारण और पटना में हुई थी. जेपी विद्यार्थी जीवन से ही स्वतंत्रता के प्रेमी थे. जयप्रकाश नारायण जब पटना में बिहार विद्यापीठ में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश लिया तभी से वे स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने लगे थे.
उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गये थे जयप्रकाश नारायण
जयप्रकाश नारायण 1922 में उच्च शिक्षा लेने के लिए अमेरिका चले गये. उन्होंने पढ़ाई-लिखाई का खर्च पूरा करने के लिए खेतों व रेस्टोरेंट में काम किया करते थे. उन्होने अमेरिका से एमए की उपाधि प्राप्त की. इसी बीच उनकी माता जी का स्वास्थ काफी खराब रहने लगा और वे अपनी पढ़ाई छोड़कर स्वदेश वापस लौट गये. भारत वापस आने पर उनका विवाह प्रसिद्ध गांधीवादी बृजकिशोर प्रसाद की पुत्री प्रभावती के साथ हुआ. जब वे अमेरिका से वापस लौटे तब भारत में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन चरम पर था. इसके बाद वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए.
स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था जयप्रकाश नारायण
1932 में अन्य प्रमुख नेताओं के जेल जाने के बाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व जयप्रकाश नारायण ने किया. जेपी को भी इसी वर्ष जेल में डाल दिया गया. नासिक जेल में उनकी मुलाकात कई कांग्रेसी नेताओं के साथ हुई. इसी दौरान कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का जन्म हुआ. यह पार्टी समाजवाद में विश्वास रखती थी. जयप्रकाश नारायाण सम्पूर्ण क्रांति में विश्वास रखते थे. JP बिहार से ही सम्पूर्ण क्रांति की शुरुआत की थी.
जयप्रकाश नारायण घर- घर क्रांति का दिया जलाना चाह रहे थे. उनका जीवन बहुत ही संयमित व नियंत्रित रहता था. 5 जून 1975 को पटना में ऐतिहासिक रैली में जयप्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया था. आपातकाल के खिलाफ सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण को 1998 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया.