कृषि मेले में क्षेत्रीय किसानों के उत्पादों की लगी प्रदर्शनी

जिला कृषि कार्यालय परिसर में शुक्रवार को किसान मेला सह यांत्रिकीकरण मेला व कृषि प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 8:59 PM

जमुई. जिला कृषि कार्यालय परिसर में शुक्रवार को किसान मेला सह यांत्रिकीकरण मेला व कृषि प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन विधायक श्रेयसी सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी ब्रजेश कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख सुधीर कुमार सिंह, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी प्रशांत कुमार, उप निदेशक भूमि संरक्षण राज बहादुर, सहायक निदेशक उद्यान शिवाजी हेम्ब्रम, पंकज कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया. इस दौरान विधायक ने मेले में लगाये सभी स्टाल की जायजा लिया और किसानों को इससे लाभ उठाने को कहा. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि दो दिवसीय मेला का समापन शनिवार को होगा. उन्होंने किसानों को योजनाओं की जानकारी देते हुए इससे लाभ उठाने की अपील की.

50 कृषकों व समूहों के उत्पादों की लगी प्रदर्शनी

सभी प्रखंडों से लगभग 50 कृषकों एवं समूहों के द्वारा उत्पादित की जा रही कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी है. कृषकों द्वारा उपजाये गये फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर एवं मशरूम पर 28 दिसम्बर को पुरस्कार प्रदान किया गया. इनके अलावा अन्य उत्पादों के लिए प्रशस्ति पत्र भी कृषकों को दिया जायेगा. गव्य विकास विभाग, पौधा संरक्षण कार्यालय, भूमि संरक्षण कार्यालय के साथ-साथ अन्य विभागों का स्टाॅल लगाये गये. इसके अलावा इफको, प्रदान, जीवित माटी तरी दाबिल स्वयं सहायता समूह व संस्थाओं की ओर से उनके उत्पाद की भी प्रदर्शनी लगायी गयी. संस्था द्वारा ड्रोन उड़ाकर फसलों पर उर्वरक छींटने का डेमो दिया गया, जो कि चर्चा का विषय रहा. मेला में भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, पटना से आये एसए सज्जाद, रश्मि शंकर सहायक पौधा संरक्षण पदाधिकारी, अंकित कुमार तकनीकी सहायक, विजया भारती वैज्ञानिक सहायक के द्वारा एनपीएसएस (राष्ट्रीय नाशी जीव निगरानी प्रणाली) के उपयोग, आईपीएम के महत्व, सिद्धांत व विभिन्न आयामों के बारे में बीज उपचार, कीटनाशकों के सुरक्षित एवं संतुलित उपयोग, मनुष्य पर होने वाले कीटनाशकों का दुष्प्रभाव, कीटनाशकों के लेवल एवं कलर कोड, यांत्रिक विधियों के उपयोग से जैविक खेती, शत्रु व मित्र कीटों की पहचान एवं अन्य वानस्पतिक कीटनाशक के महत्व, फसलों में लगने वाले कीट, व्याधि की पहचान के बारे प्रगतिशील किसानों को विस्तार से बताया गया.

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