फाइलेरिया मरीज अपने हाथीपांव को जख्म व चोट से जरूर बचाएं

गया में फाइलेरिया जगरूकता कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया गया. इस दौरान लोगों को बीमारी से बचाव को लेकर उपाय बताये गये और किट का वितरण किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2024 6:21 PM

गया. फाइलेरिया दुनिया भर में विकलांगता और विरूपता बढ़ाने वाला सबसे बड़ा रोग है. एक बार इस रोग के हो जाने पर इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है. क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया होता है. आमभाषा में इसे हाथीपांव कहते हैं. हाथीपांव ग्रसित लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक परामर्श तथा पांव की देखभाल के लिए एमएमडीपी किट या मॉर्बिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसएब्लिटी प्रीवेंशन किट प्रदान किया जाता है. यह बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक ने मानपुर प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हाथीपांव ग्रसित लोगों के लिए एमएमडीपी किट वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही. स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था सीफार के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान 15 हाथीपांव मरीजों को एमएमडीपी किट प्रदान किया गया. इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजन कुमार, बीएचएम शाह उमैर, सीफार स्टेट कॉर्डिनेटर शिकोह अलबदर, डीसी जुलेखा फातिमा सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे. डॉ एमई हक ने कहा कि फाइलेरिया रोगियों को चाहिए कि वे अपने प्रभावित पैर की देखभाल करते रहें. हाथीपांव को चोट और जख्म से बचायें. दिन में दो बार कम से कम ठंडे पानी तथा साबुन की मदद से पैर धोयें. प्रभावित पैर की उंगलियों के बीच पानी नहीं लगने दें. साथ ही समय समय पर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलने वाले दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दवा का सेवन जरूर करें. इस दौरान फाइलेरिया रोगी के रूप में चिह्नित 15 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरित की गयी. किट में मलहम तथा लोशन सहित टब, मग, तौलिया, साबुन उपलब्ध कराया गया.

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