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जियोस्पेशियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम करेंगा सीयूएसबी

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गया.

सीयूएसबी के भूविज्ञान विभाग द्वारा तीन सप्ताह तक चलने वाले जियोस्पेशियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी विंटर स्कूल का आयोजन नवंबर में किया जायेगा, जिसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी है. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विंटर स्कूल का आयोजन संयोजक भूविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो प्रफुल्ल सिंह द्वारा 13 नवंबर से तीन दिसंबर तक किया जायेगा. विस्तृत जानकारी देते हुए प्रो प्रफुल्ल सिंह ने बताया कि भूस्थानिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तीन सप्ताह का शीतकालीन स्कूल विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय भूस्थानिक कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि भारत के सतत आर्थिक विकास के लिए ज्ञान को सबसे महत्वपूर्ण प्रेरक कारक के रूप में चिह्नित किया गया है. भारत ने सुशासन, सतत विकास लक्ष्यों और अपने नागरिकों के सशक्तीकरण का समर्थन करने के लिए अपने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से सतत आर्थिक विकास के लिए एक नयी सूचना व्यवस्था को अपनाया है. पिछले तीन दशकों में विभिन्न क्षेत्रों में भूस्थानिक प्रौद्योगिकियों को व्यापक रूप से अपनाना इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक प्रभावी सक्षमकर्ता साबित हुआ है. भारत की तकनीकी उन्नति के केंद्र में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का राष्ट्रीय भूस्थानिक कार्यक्रम (एनजीपी) है. उन्होंने बताया कि भूस्थानिक क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य भूस्थानिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, समाधान और उद्यमिता में क्षमताओं को बढ़ावा देना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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सीयूएसबी के भूविज्ञान विभाग द्वारा तीन सप्ताह तक चलने वाले जियोस्पेशियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी विंटर स्कूल का आयोजन नवंबर में किया जायेगा, जिसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी है. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विंटर स्कूल का आयोजन संयोजक भूविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो प्रफुल्ल सिंह द्वारा 13 नवंबर से तीन दिसंबर तक किया जायेगा. विस्तृत जानकारी देते हुए प्रो प्रफुल्ल सिंह ने बताया कि भूस्थानिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तीन सप्ताह का शीतकालीन स्कूल विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय भूस्थानिक कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि भारत के सतत आर्थिक विकास के लिए ज्ञान को सबसे महत्वपूर्ण प्रेरक कारक के रूप में चिह्नित किया गया है. भारत ने सुशासन, सतत विकास लक्ष्यों और अपने नागरिकों के सशक्तीकरण का समर्थन करने के लिए अपने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से सतत आर्थिक विकास के लिए एक नयी सूचना व्यवस्था को अपनाया है. पिछले तीन दशकों में विभिन्न क्षेत्रों में भूस्थानिक प्रौद्योगिकियों को व्यापक रूप से अपनाना इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक प्रभावी सक्षमकर्ता साबित हुआ है. भारत की तकनीकी उन्नति के केंद्र में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का राष्ट्रीय भूस्थानिक कार्यक्रम (एनजीपी) है. उन्होंने बताया कि भूस्थानिक क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य भूस्थानिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, समाधान और उद्यमिता में क्षमताओं को बढ़ावा देना है.

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