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Darbhanga News: शहर में सवारी बसों का डीएम ने बंद किया प्रवेश तो संचालकों ने दोनार में बना लिया अड्डा

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Darbhanga News: दरभंगा. शहर में सवारी बसों के प्रवेश बंद होने से सड़क जाम की समस्या से राहगीरों को निजात मिली हो या नहीं, लेकिन दोनार रेल फाटक के पूरब की स्थिति विकराल हो गयी है. बस संचालकों की मनमानी के कारण रेल फाटक से लेकर करीब एक किलोमीटर आगे तक दरभंगा-कुशेश्वरस्थान मुख्य पथ सुबह से लेकर देर शाम तक इस कदर जाम रहता है कि पैदल भी राहगीरों के लिए गुजरना मुश्किल होता है. बस संचालक सड़क के दोनों किनारे अपनी गाड़ियों को बेतरतीब खड़ी रखते हैं, जिससे हमेशा जाम लगा रहता है. इस वजह से सबसे अधिक समस्या इस मार्ग से होकर गुजरने वालों को हो रही है. साथ ही रेल गुमटी के पूरब के मोहल्लावासियों की मुश्किलें चरम पर पहुंच गयी है. उल्लेखनीय है कि दरभंगा और लहेरियासराय को जोड़ने वाली तीन मुख्य सड़कों के बावजूद शहर में हमेशा सड़क जाम रहने के कारण जिलाधिकारी राजीव रोशन ने अगस्त के तीसरे सप्ताह से सवारी बसों का शहर में प्रवेश बंद कर दिया. बस संचालकों को दिल्ली मोड़ बस अड्डा से परिचालन का आदेश दिया था. वहीं सीतामढ़ी के लिए अवागमन करनेवाली बसों को दरभंगा जंक्शन के समीप से हटाते हुए लहेरियासराय बस अड्डा से परिचालन का निर्देश दिया था. इसके बाद से नो इंट्री के समय में शहरी क्षेत्र में बसों का प्रवेश तो नहीं होता, लेकिन कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर तथा सहरसा की ओर आवागमन करने वाली प्राय: तमाम बसें अब दोनार रेलवे फाटक के पूरब से ही चलायी जा रही है.

संचालकों ने बना लिया अघोषित बस अड्डा

जिलाधिकारी राजीव रोशन ने गत 20 अगस्त को बैठक के दौरान शहर की सड़क जाम की समस्या को लेकर समीक्षा करते हुए नो इंट्री के समय में सवारी बसों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था. इसके चंद दिनों बाद इस आदेश पर अमल आरंभ हो गया, लेकिन डीएम के निर्देश को ताख पर रख बस संचालकों ने अघोषित रूप से दोनार रेल गुमटी के पूरब बस अड्डा चालू कर दिया है. सड़क के दोनों किनारे सहरसा, कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, बिरौल आदि क्षेत्रों से आने वाली सवारी बसों को खड़ी कर देते हैं. सवारी के लिए टेंपो चालकों का भी यहां तांता लगा रहता है. इससे स्थिति और विकराल हो गयी है. स्थानीय लोगों के अनुसार बस अड्डा की तरह यहां पर बस कंपनियों के कर्मी समय तय करने के साथ वसूली भी करते हैं. यहां बता दें कि डीएम ने दिल्ली मोड़ स्थित बस अड्डा से भाया सकरी-धरौड़ा परिचालन का आदेश दे रखा है.

नाले के पानी से स्थिति नारकीय

इतना ही नहीं, इस जगह सड़क पर नाला का पानी यूं ही फैला रहता है. बसों के आवागमन एवं पार्किंग की वजह से कीचड़ से लथपथ सड़क के कारण पैदल चलना भी दूभर सा हो गया है. स्थानीय मोहल्लावासियों के साथ राहगीरों के लिए गुजरना काफी कठिन हो रहा है. इस वजह से इस इलाके के दुकानदारों का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. लोगों का कहना है कि भले ही रेल लाइन के पूरब के शहरवासियों को डीएम के इस आदेश से राहत मिल रही हो, लेकिन इस इलाके के लोगों के लिए यह कठिनाई बढ़ाने वाला साबित हो रहा है, जिसकी वजह बस संचालकों की मनमानी व जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने वालों के प्रति प्रशासनिक लापरवाही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Darbhanga News: दरभंगा. शहर में सवारी बसों के प्रवेश बंद होने से सड़क जाम की समस्या से राहगीरों को निजात मिली हो या नहीं, लेकिन दोनार रेल फाटक के पूरब की स्थिति विकराल हो गयी है. बस संचालकों की मनमानी के कारण रेल फाटक से लेकर करीब एक किलोमीटर आगे तक दरभंगा-कुशेश्वरस्थान मुख्य पथ सुबह से लेकर देर शाम तक इस कदर जाम रहता है कि पैदल भी राहगीरों के लिए गुजरना मुश्किल होता है. बस संचालक सड़क के दोनों किनारे अपनी गाड़ियों को बेतरतीब खड़ी रखते हैं, जिससे हमेशा जाम लगा रहता है. इस वजह से सबसे अधिक समस्या इस मार्ग से होकर गुजरने वालों को हो रही है. साथ ही रेल गुमटी के पूरब के मोहल्लावासियों की मुश्किलें चरम पर पहुंच गयी है. उल्लेखनीय है कि दरभंगा और लहेरियासराय को जोड़ने वाली तीन मुख्य सड़कों के बावजूद शहर में हमेशा सड़क जाम रहने के कारण जिलाधिकारी राजीव रोशन ने अगस्त के तीसरे सप्ताह से सवारी बसों का शहर में प्रवेश बंद कर दिया. बस संचालकों को दिल्ली मोड़ बस अड्डा से परिचालन का आदेश दिया था. वहीं सीतामढ़ी के लिए अवागमन करनेवाली बसों को दरभंगा जंक्शन के समीप से हटाते हुए लहेरियासराय बस अड्डा से परिचालन का निर्देश दिया था. इसके बाद से नो इंट्री के समय में शहरी क्षेत्र में बसों का प्रवेश तो नहीं होता, लेकिन कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर तथा सहरसा की ओर आवागमन करने वाली प्राय: तमाम बसें अब दोनार रेलवे फाटक के पूरब से ही चलायी जा रही है.

संचालकों ने बना लिया अघोषित बस अड्डा

जिलाधिकारी राजीव रोशन ने गत 20 अगस्त को बैठक के दौरान शहर की सड़क जाम की समस्या को लेकर समीक्षा करते हुए नो इंट्री के समय में सवारी बसों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था. इसके चंद दिनों बाद इस आदेश पर अमल आरंभ हो गया, लेकिन डीएम के निर्देश को ताख पर रख बस संचालकों ने अघोषित रूप से दोनार रेल गुमटी के पूरब बस अड्डा चालू कर दिया है. सड़क के दोनों किनारे सहरसा, कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, बिरौल आदि क्षेत्रों से आने वाली सवारी बसों को खड़ी कर देते हैं. सवारी के लिए टेंपो चालकों का भी यहां तांता लगा रहता है. इससे स्थिति और विकराल हो गयी है. स्थानीय लोगों के अनुसार बस अड्डा की तरह यहां पर बस कंपनियों के कर्मी समय तय करने के साथ वसूली भी करते हैं. यहां बता दें कि डीएम ने दिल्ली मोड़ स्थित बस अड्डा से भाया सकरी-धरौड़ा परिचालन का आदेश दे रखा है.

नाले के पानी से स्थिति नारकीय

इतना ही नहीं, इस जगह सड़क पर नाला का पानी यूं ही फैला रहता है. बसों के आवागमन एवं पार्किंग की वजह से कीचड़ से लथपथ सड़क के कारण पैदल चलना भी दूभर सा हो गया है. स्थानीय मोहल्लावासियों के साथ राहगीरों के लिए गुजरना काफी कठिन हो रहा है. इस वजह से इस इलाके के दुकानदारों का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. लोगों का कहना है कि भले ही रेल लाइन के पूरब के शहरवासियों को डीएम के इस आदेश से राहत मिल रही हो, लेकिन इस इलाके के लोगों के लिए यह कठिनाई बढ़ाने वाला साबित हो रहा है, जिसकी वजह बस संचालकों की मनमानी व जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने वालों के प्रति प्रशासनिक लापरवाही है.

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