Explainer: पटना की हवा क्यों बिगड़ी? बिहार में अब छायेगी धुंध, मौसम और वातावरण में बदलाव की वजह जानिए..

Bihar Weather Explainer: पटना की हवा बिगड़ गयी है और प्रदूषण अब बढ़ गया है. पटना में एक्यूआई 300 के करीब मापा गया है. वहीं मौसम विभाग ने बताया है कि धुंध अब छाने की संभावना है. वातावरण में बदलाव के पीछे की वजह जानिए..

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 16, 2023 10:54 AM

Bihar Weather Report: बिहार का मौसम (Bihar Ka Mausam) फिर एकबार बदल चुका है. पिछले महीने प्रदेश में जोरदार बारिश पड़ी और कई दिनों तक धूप के दर्शन दुर्लभ रहे. कई इलाकों में सुबह से बारिश शुरू होकर रात तक अनवरत पड़ती ही रही. दरअसल, मानसून ने एकबार फिर से वापसी की थी और इस दौरान बादल जमकर बरसे. किसानों को इस बारिश से काफी लाभ भी पहुंचा. हालांकि लगातार हुई बारिश ने कई जगहों पर फसलों को नुकसान भी पहुंचा दिया. वहीं अब मौसम बदल चुका है और बारिश का दौर थम चुका है. इस बार एक नयी आफत ने दस्तक दी है. राजधानी पटना में प्रदूषण (Patna Pollution) अब बढ़ गया है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पटना की हवा बिगड़ चुकी है. यही आलम कई अन्य शहरों का भी रहने वाला है. ऐसा मौसम विभाग की ओर से बताया गया है. मौसम विभाग (IMD Report) ने इसकी वजह भी बतायी है. वहीं बिहार में अगले कुछ दिनों तक मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है. ठंड और कुहासे को लेकर भी बड़ी जानकारी दी गयी है. पढ़िए बिहार की वेदर रिपोर्ट…


पटना की हवा बिगड़ी, एक्यूआइ 300 के करीब..

पटना के प्रमुख क्षेत्रों का वायु प्रदूषण स्तर जब मापा गया तो ये गलत संकेत दे रहे थे. पटना का एक्यूआइ 300 के करीब जा चुका है. शनिवार को पटना के राजवंशी नगर की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही. जहां का एक्यूआइ 299 था. डीआरएम ऑफिस, दानापुर के पास एक्यूआइ 196 मापा गया था. वायु गुणवत्ता सूचकांक यह बताता है कि पटना की हवा खराब हुई है. वहीं मौसम विभाग ने इसे लेकर पहले ही आशंका जाहिर की थी. बताया गया था कि आने वाले दिनों में वातावरण में बदलाव होगा और प्रदूषण बढ़ने लगेगा. इसके पीछे की वजह भी बतायी गयी है. बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को 0-50 के बीच ‘बेहतर’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.

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बिहार में बदलेगा मौसम, कोहरे को लेकर जानिए जानकारी..

मौसम में बदलाव की पहले बात करें तो सोमवार से ही राज्य के अधिकांश हिस्सों में सुबह के समय धुंध छाने के आसार हैं. आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक विशेष रूप से हिमालय की तलहटी वाले क्षेत्र में हल्के से मध्यम स्तर का कुहासा छाये रहने का पूर्वानुमान है. इस तरह प्रदेश के मौसम में आंशिक परिवर्तन होने जा रहा है. मौसम में होने वाले इस बदलाव के पीछे वातावरण में आद्रता का अधिक व्याप्त होना है. दरअसल पूर्वी बिहार से लेकर बांग्लादेश तक ट्रफ लाइन भी गुजर रही है. इस तरह यह क्षेत्र कम दबाव का जोन बन गया है. इसकी वजह से राज्य में उत्तर-पश्चिमी बिहार, उत्तर-मध्य बिहार, उत्तर-पूर्व बिहार, दक्षिण-पश्चिम बिहार और दक्षिण-मध्य बिहार में एक-स्थानों पर बारिश भी संभव है. इससे दिन के तापमान में आंशिक गिरावट की भी संभावना है.

बिहार से मानसून कब लौटेगा? 

जानकारी के मुताबिक बिहार से अभी भी मानसून की पूरी तरह विदाई नहीं हुई है. इसकी विदाई की घोषणा में अभी एक-दो दिन लग सकते हैं. यह देखते हुए कि अगले 24 घंटे में बिहार में बारिश की संभावना है. बिहार में समय पर आये मानसून की विदायी में एक हफ्ते का विलंब हो चुका है. बिहार में अभी सामान्य से 23 फीसदी कम बारिश हुई है.

क्यों बढ़ रहा प्रदूषण..

बिहार में प्रदूषण बढ़ने की कई वजह हैं. इनमें एक वजह मौसम में बदलाव से जुड़ा भी है. बिहार एग्रीक्लचर यूनिवर्सिटी के मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि मानसून की विदाई के साथ ही अब रात का तापमान घटना शुरू हो जाएगा. अबतक बारिश की वजह से वातावरण में धूलकण की मात्रा कम थी. जैसे-जैसे अब हवा में धूलकण की मात्रा बढ़ने लगेगी, वैसे-वैसे कुहासे के साथ हवा में प्रदूषण स्तर भी बढ़ने लगेगा.

वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी..

बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक ऐसी प्रणाली शुरू की है, जो राज्य के 534 प्रखंडों में हवा की गुणवत्ता का 48 घंटे पहले पूर्वानुमान लगायेगी. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटना है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 534 प्रखंडों के कार्यालयों में कम लागत वाले सेंसर की स्थापना आइआइटी कानपुर के सहयोग से की गयी है. देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली अलर्ट जारी करेगी, ताकि संबंधित अधिकारी और आम लोग उसके अनुसार आवश्यक कदम उठा सकें. उन्होंने कहा कि यह प्रणाली आगामी वायु गुणवत्ता इंडेक्स के बारे में समय पर जानकारी दे सकती है, जिसका उपयोग प्रशासन के लोग सबसे अधिक प्रदूषण वाली गतिविधियों के जोखिम को कम करने के लिए कर सकते हैं.

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