बिहार सरकार वापस ले सकती है लॉकडाउन उल्लंघन के केस, विभाग से मांगी जा रही जानकारी
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान कई लोगों पर केस दर्ज किया गया है. यह केस लोगों द्वारा लॉकडाउन में नीयमों का उल्लंघन करने पर किया गया है. ये सभी केस बिहार सरकार वापस ले सकती है. विधान परिषद में शुक्रवार को गैर सरकारी संकल्प के जवाब में प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि गृह विभाग के पास मामला विचाराधीन है.
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान कई लोगों पर केस दर्ज किया गया है. यह केस लोगों द्वारा लॉकडाउन में नीयमों का उल्लंघन करने पर किया गया है. ये सभी केस बिहार सरकार वापस ले सकती है. इसकी तैयारी शुरू कर दी है. विधान परिषद में शुक्रवार को गैर सरकारी संकल्प के जवाब में प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि गृह विभाग के पास मामला विचाराधीन है.
कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के केंद्र और राज्य के निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर दर्ज किए गए मुकदमे बिहार सरकार वापस लेने की तैयारी कर रही है. बिहार सरकार के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि इस संबंध में विधि विभाग और सभी डीएम से पत्राचार किया गया है.
गृह विभाग के पास मामला विचाराधीन है. मंत्री के जवाब के बाद विधान पार्षद ने अपना गैर सरकारी संकल्प वापस ले लिया. संभावना जताई जा रही है कि विधि विभाग से राय लेने के बाद राज्य सरकार इसपर जल्द निर्णय लेगी.
यदि सरकार इन मुकदमों को वापस लेती है तो बड़ी आबादी को राहत मिलेगी. बता दें कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत लॉकडउन उल्लंघन के मामला दर्ज किए गए हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha