Bihar Election 2020, Gupteshwar Pandey: बिहार विधानसभा के शुरू होने से पहले ही गुप्तेश्वर पांडेय सूबे में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गये थें. कारण था डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर राजनीति में आने का. 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार चुनाव से ठीक पहले वीआरएस लेकर सत्ता रूढ़ पार्टी जदयू ज्वाइन किया था और चर्चा थी कि वह बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं, पर अब इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. जदयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया है. इस पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने चुटकी ली है.

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरूवार को कहा कि शायद उनके सवालों से बीजेपी डर गई होगी, इसीलिए उनका टिकट कट गया. देशमुख ने कहा कि हमने बीजेपी नेताओं से सवाल किया था कि क्या वो गुप्तेश्वर पांडे का प्रचार करने जाएंगे ? शायद उसी सवाल के डर से टिकट नही मिला होगा. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, उन्होंने कहा कि किसको टिकट देना है और किसको नहीं ये उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है.

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बता दें कि अपने सेवा काल से पांच महीने पूर्व 22 सितंबर को वीआरएस लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय के बक्सर या शाहपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनने के कयास लग रहे थे. पहले ऐसा लग रहा था कि इन दोनों सीटों में से कोई एक जदयू के खाते में जायेगी. लेकिन, भाजपा के खाते में यह सीट चली गयी. भाजपा की ओर से परशुराम चतुर्वेदी के टिकट दिया गया है. गौरतलब है कि पूर्व डीजीपी पर उनके ही महकमे में 15 साल पूर्व सिपाही की नौकरी करने वाले परशुराम चतुर्वेदी भारी पड़ गये.