लैंड फॉर जॉब मामले में समन के बाद सुशील मोदी का हमला, बोले- लालू यादव बताएं नौकरी के बदले जमीन लेने का सच
Bihar 1st Phase Election: पिछले 30 साल से बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, जनता दल युनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज किया है. बावजूद इसके आज भी यहां के युवाओं को शिक्षा या नौकरी के लिए अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है. इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव लगभग सभी पार्टियों ने युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है. आइये जानते हैं, बिहार चुनाव में नौकरी क्यों बन गया सबसे बड़ा मुद्दा और क्या है यहां बेरोजगारी की स्थिति…
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण लाखों युवाओं की नौकरी छुट्टी है. इससे पहले भी बिहार में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा था जो इस बार और बढ़ गया है.
Jobs in Bihar: बिहार का बेरोजगारी दर देश से ज्यादा
सीएमआईई की रिपोर्ट की मानें तो सितंबर में बिहार का बेरोजगारी दर 11.9 फीसदी रहा जो वही देश में 7.4 फीसदी था. अर्थात राज्य में बेरोजगारी देश से ज्यादा है. मार्च में हुए लॉकडाउन के बाद रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. इस दौरान लाखों प्रवासियों को नौकरी गंवानी पड़ी. बात करें अप्रैल और मई की तो बिहार में बेरोजगारी दर 46 फीसदी पहुंच गया था.
Bihar Migrants Labour: बिहार के आधे से अधिक परिवार प्रवासी
वहीं, एक अध्ययन की मानें तो बिहार में आधे से अधिक परिवार प्रवासी है. वे अपने जीवनयापन के प्रतिदिन कमा खाकर पूरा करते हैं और दूसरे राज्यों से उनकी आजीविका चलती है. पीरियोडिक लेबर फोर्स द्वारा पूर्व में हुए एक सर्वे की मानें तो वर्ष 2018-19 में मात्र 10.4 फीसदी श्रमिकों के पास वेतनभोगी नौकरी हुआ करती थी. जबकि, देश का कुल आंकड़ा 23.8 फीसदी था.
Also Read: Lakhisarai, Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020 : पहले चरण में लखीसराय की इन सीटों पर वोटिंग, चुनावी मैदान में कई दिग्गज
Youth Voters in Bihar: 4 करोड़ मतदाताओं की उम्र 18 से 40 वर्ष
इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का बेरोजगारी के मुद्दे पर लड़ने का एक और सबसे बड़ा कारण है यहां के युवा. दरअसल, राज्य में कुल 7.18 करोड़ मतदाता है. जिनमें 78 लाख मतदाता पहली बार मतदान करने वाले हैं. वहीं, करीब 4 करोड़ मतदाताओं की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है. ज्यादातर इसी वर्ग के मतदाताओं के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है. इस वर्ग के ज्यादातर लोग या तो अपनी नौकरी गवां चुके है या नौकरी की चाहत उनकी सबसे बड़ी डिमांड है.
Ghoshna patra: राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में सरकारी नौकरियां
ऐसे में लगभग सभी पार्टियों ने चाहे वो भाजपा, राजद, कांग्रेस, जेडीयू, लोजपा या अन्य राजनीतिक दल हो सबने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बेरोजगारी को दूर करने का प्रमुखता से वादा किया है.
Sarkari Naukri: किस पार्टी ने कितनी नौकरी का किया वादा
राजद ने 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया है तो भाजपा ने 19 लाख. वहीं लोजपा के चिराग पासवान ने एक वेब पोर्टल के जरिए लोगों को नौकरी देने का वादा किया है. जबकि कौशल विकास के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जेडीयू ने भी नौकरी का वादा किया है. इधर, कांग्रेस सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में नौकरियां पर मुहर का वादा करते हुए कहा है कि जब तक नौकरी नहीं तक मिलेगा भत्ता.
Posted By : Sumit Kumar Verma