वाल्मीकिनगर, मधुबनी व भितहा में मूसलाधार बारिश से खेतों में लगा पानी, किसानों के चेहरे खिले
वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र में मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मंगलवार को लगभग 10 बजे से मौसम ने अपना रुख बदलना शुरू किया.
बगहा/वाल्मीकिनगर/मधुबनी/भितहा. वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र में मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मंगलवार को लगभग 10 बजे से मौसम ने अपना रुख बदलना शुरू किया. आसमान में काले बादल छाने लगे और तेज आंधी के साथ बारिश ने मौसम को सुहाना बना दिया. बीच-बीच में बिजली की तेज गड़गड़ाहट लोगों को डराती रही. बारिश से सड़कों पर और खेतों में पानी का जमाव दिखने लगा. बारिश ने किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कान ला दिया. क्योंकि भीषण गर्मी की तपिश से गन्ने की फसल सुखनी शुरू हो गयी थी. संपन्न किसान बोरिंग का सहारा ले रहे थे, किंतु गरीब किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाकर इंद्र भगवान से फरियाद कर रहे थे. जो भी हो इस बारिश में जहां मौसम को सुहाना बना दिया है. वही तापमान में गिरावट आ गयी है. गन्ना की फसलों में पुन: हरियाली आने की उम्मीद है. इस बारिश से खेतों में नमी फिर से वापस आने की उम्मीद किसानों को जग गयी है. इस बाबत किसान और युवा नेता विनोद राम, दीपक राम, इदरीस अली, जय किशन यादव आदि ने बताया कि किसानों को इस बारिश की काफी जरूरत थी. गन्ने की फसल सूखना शुरू हो गयी थी. इस बारिश से किसान की उम्मीद फिर से जग गई है. मधुबनी प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय प्रखंड में बारिश होने से सभी किसानों के चेहरे खिल उठे है. ज्ञात हो कि झमाझम बारिश के चलते किसानों के चेहरे पर मुस्कान नजर आ रहा है. बता दें कि तापमान बढ़ते क्रम में 42 डिग्री तक हो जाने के कारण धान की रोपनी की बिचड़ों के लिए किसान खेत की जुताई नहीं कर पा रहे थे. किसान गन्ने की खेती, मक्के की खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती में पटवन से आर्थिक रूप से कमजोर देख रहे थे. लेकिन मंगलवार को झमाझम बारिश के कारण फसलों को तो फायदा हुआ ही है. साथ ही किसानों की करोड़ों रुपये का क्षति होनी थी वह बच गया. वहीं कुछ एक जगह पर अभी से ही जल जमाव का सामना राहगीरों को करना पड़ रहा है. वहीं बांसी बाजार में जिला परिषद फंड से बनी 100 मीटर की सड़क पानी से लबालब भर चुका है. नजदीकी दुकानदारों ने दुकानों के अंदर पानी घुसने की संभावना व्यक्त की है. किसान निप्पू कुशवाहा, राजेश जायसवाल, बाढ़ु चौधरी, उमेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, रामू खरवार, संजय कुशवाहा, नागेंद्र शर्मा आदि ने बताया कि अगर सड़क ऊंची बनाई गई होती तो यह पानी का जलजमाव नहीं होता.
भितहा प्रतिनिधि के अनुसार लंबे समय के अंतराल के बाद मंगलवार की दोपहर तेज आंधी के साथ हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे. पिछले माह से भीषण गर्मी से गन्ने और केले की फसलें सूख रही थी. जिसे सूखने से बचाने के लिए किसान दिन रात सिंचाई करने में लगे हुए थे. फसलों में तीसरे व चौथे दिन सिंचाई करनी पड़ रही थी. जिससे किसानों की लागत बढ़ती जा रही थी. लोग लंबे समय से बारिश के इंतजार में थे. वहीं मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. उक्त बारिश से तापमान में गिरावट से साथ मौसम सुहाना हो गया. किसान राजेश राय, राजदेव यादव, दीपू गुप्ता, रामेश्वर गुप्ता, द्वारिका यादव, शंकर यादव आदि का कहना है अब फसलों को नयी जान मिली है. इस बारिश से पटवन से निजात मिल जाएगी और हम लोगों की फसल भी अच्छी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है