निपनियां गुप्ता लखमिनियां बांध पर ठनके की चपेट में आने से किशोरी की मौत

फुलवड़िया थानाक्षेत्र अंतर्गत निपनियां मधुरापुर के बीच स्थित गुप्ता लखमिनियां बांध पर गुरुवार की देर रात ठनका ( व्रजपात) की चपेट में आने से िकशोरी की मौत हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 5, 2024 9:48 PM
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बरौनी. फुलवड़िया थानाक्षेत्र अंतर्गत निपनियां मधुरापुर के बीच स्थित गुप्ता लखमिनियां बांध पर गुरुवार की देर रात ठनका ( व्रजपात) की चपेट में आने से िकशोरी की मौत हो गयी. मृतका की पहचान अनिल पासवान की लगभग 13 वर्षीय पुत्री ऋचा कुमारी के रूप में की गयी है. जानकारों के मुताबिक मृतक छात्रा मध्य विद्यालय निपनियां में वर्ग सातवीं की छात्रा थी. गुरूवार की देर रात लगभग 12 बजे के आसपास मृतक छात्रा शौच के लिए घर निकली और शौच कर घर वापस आते समय उसके पास ठनका व्रजपात गिरा उसकी दहशत से हृदयाघात के कारण उसकी मौत हो गयी. काफी देर तक घर नहीं आने पर परिजन उसकी तालाश में घर से बाहर निकले तो पास में ही छात्रा बेसुध अचेता अवस्था में गिरी पड़ी थी. लोगों का कहना है कि ठनका के झटका और कड़ी आवाज के दहशत से मासूम छात्रा की मौत हुई है. नगर परिषद बरौनी के वार्ड 24 पार्षद कुमार गौतम ने घटना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार का ढ़ाढ़स बढ़ाया और यथासंभव मदद का भरोसा दिया. वहीं शुक्रवार की अहले सुबह घटना की सूचना फुलवड़िया थाना पुलिस को दी गई. घटना की सूचना मिलते ही फुलवड़िया थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार सिंह एवं एसआइ कामेश्वर सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की छानबीन में जुट गये. वहीं फुलवड़िया थाना पुलिस ने शव को कब्जा में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया. वहीं इस हादसे के बाद मृतक के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. वहीं स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिवार को आपदा राहत से मिलने वाला मुआवजा दिये जाने की मांग प्रखंड पदाधिकारियों से की है. बताते चलें कि मधुरापुर गंगा नदी में बढ़ती पानी के कारण जमीन कटाव से परेशान निपनियां मधुरापुर के बीच स्थित गुप्ता लखमिनियां बांध पर दशकों से बसे सैकड़ों विस्थापित परिवार प्राकृतिक आपदा के कारण जमीन के साथ जान भी गांवा रहे हैं. कभी व्रजपात की चेकिंग, कभी आगलग्गी और कभी जहरीला पशु के शिकार होने से जान गंवा रहे हैं. जिनकी सुधीर लेने वाला कोई नहीं है. बांध पर बसे विस्थापित परिवार फुस की झोपड़ी एवं तिरपाल के नीचे किसी तरह जीवन यापन करने को विवश हैं.

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