जिला न्यायाधीश के समक्ष जेजेबी ने रखा नौ एजेंडा
बैठक में जिलास्तरीय पदाधिकारियों की रही उपस्थिति
अररिया. मंगलवार को व्यवहार न्यायालय अररिया स्थित जिला व सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह के प्रकोष्ठ में किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) ने अपना त्रैमासिक बैठक संपन्न कराया. बैठक की अध्यक्षता जिला सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने की. बैठक में एसीजेएम सह जेजेबी की प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट प्रीति राय ने जिला न्यायाधीश हर्षित सिंह के समक्ष किशोर न्याय परिषद से संबंधित नौ प्रमुख एजेंडा को रखा. एजेंडा में डीएलएसए स्तर से किशोर के प्रथम उपस्थिति के समय प्रतिनियुक्त अधिवक्ता की उपस्थिति, किशोर न्याय परिषद में पैनल अधिवक्ता व पीएलवी को प्रत्येक कार्य दिवस पर नियमानुसार अधिकांश कार्य दिवस में रखने की बात कही गयी. सिविल सर्जन स्तर से आपातकालीन स्थिति में सदर अस्पताल में किशोर के जांच को प्राथमिकता देने, मेडिकल बोर्ड द्वारा किशोर का उम्र निर्धारण समय पर सुनिश्चित कराने व पर्यवेक्षण गृह में नियमित रूप से चिकित्सक द्वारा जांच सुनिश्चित करवाने की बात रखी गयी. पुलिस उपाधीक्षक सह नोडल अधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई अररिया के स्तर से पर्यवेक्षक गृह अररिया में पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराने, उपलब्ध सशस्त्र बल के द्वारा संतरी ड्यूटी नहीं किया जाना, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को पत्र निर्गत करने के बावजूद सीडब्लूपीओ द्वारा किशोरों को बोर्ड में उपस्थित न कराना, प्रथम उपस्थिति के समय-रिमांड कर समय सीडब्लूपीओ का उपस्थित न होना, किशोर न्याय परिषद अररिया में लंबित मामलों में जारी प्रक्रिया का तामिला उपलब्ध न होना, बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017 के नियम 10 (6) के अंतर्गत निर्धारित अवधि में पुलिस द्वारा अंतिम प्रपत्र किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत नहीं करना, किशोर न्याय बोर्ड में कोई भी सुरक्षा कर्मी का उपलब्ध न होना, सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट अभिरक्षा के समय त्रुटिपूर्ण भरा होना साथ ही साथ प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध नहीं होना आदि विषयों पर चर्चा किया गया. डीइओ स्तर से शिक्षकों के द्वारा ससमय नामांकन पंजी उपस्थित नहीं कराने की समस्या के चलते बच्चों के उम्र जांच में अनावश्यक विलंब होने की बात कही गयी. नामांकन पंजी में त्रुटि के संबंध डीइओ के द्वारा प्रतिवेदन समय पर नहीं दिया जाना, शिक्षकों के द्वारा ससमय नामांकन पंजी उपस्थित नहीं करना जिसके कारण बच्चों के उम्र जांच में अनावश्यक बिलंब होना, कक्षा 01 से 10 तक पुस्तकों की उपलब्धता (विशेषकर 01 से 05 वर्ग की पुस्तकें) को लेकर चर्चा किया गया. जिला बाल इकाई के सहायक निदेशक स्तर से किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी व सदस्यों के लिए पृथक चैंबर न होना. आवासित किशोरों का आईसीपी व परामर्श ससमय तैयार नहीं किया जाना, परिषद के समक्ष उपस्थापन के समय अद्यतन परामर्श प्रस्तुत नहीं किया जाना, परामर्शी की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने, नैदानिक मनोवैज्ञानिक के लिए आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता व आवासित विधि विवादित किशोरों को नियमानुसार कपडे, चप्पल आदि प्रवेश के समय नही दिया जाना आदि के संबंध में चर्चा किया गया. इसके अलावा पर्यवेक्षण गृह परिसर में बच्चों के लिए आउटडोर गेम की व्यवस्था कराने साथ ही साथ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के माध्यम से फॉगिंग व सफाई कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति सहित जेल से लेकर पर्यवेक्षण गृह तक जंगलों की कटाई करवाने की व्यवस्था व मंडल कारा से लेकर पर्यवेक्षण गृह तक मार्ग के मार्ग को सुगम बनाने पर चर्चा किया गया. पर्यवेक्षक गृह के अधीक्षक के स्तर से पर्यवेक्षण गृह में आवासित बालकों को कंप्यूटर व अतिरिक्त अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण दिये जाने के संबंध में बात रखी गई. वहीं मंडल कारा के अधीक्षक स्तर से किशोर घोषित किये गये बालकों को ससमय पर्यवेक्षक गृह अररिया व सुरक्षित स्थान किशनगंज में स्थानांतरित किये जाने पर भी चर्चा किया गया. इसके अलावा भवन प्रमंडल के पदाधिकारी स्तर से पर्यवेक्षक गृह अररिया में चल रहे मरम्मत कार्य को ससमय पूरा करने, मरम्मत कार्य का बिंदुवार विवरणी देने व मरम्मत कार्य के समय विधि विवादित किशोर के सर्वोत्तम हितों का ध्यान रखने सहित अन्यान्य विषयों पर भी चर्चा की गयी. इस मौके पर एडीजे-01 मनोज कुमार तिवारी, एसीजेएम सह प्रभारी सीजेएम नीरज कुमार पांडेय, एसीजेएम सह जेजेबी प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट प्रीति राय, सिविल सर्जन, पर्यवेक्षक गृह के अधीक्षक सहित कई जिला स्तरीय पदाधिकारी गण मौजूद थे.
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